Samastipur News: मोरवा : प्रखंड के विभिन्न पंचायतों के गली-मोहल्लों को उजाला करने के लिए सोलर लाइट लगाने की की स्कीम शुरू की गई. प्रति यूनिट करीब 36 हजार रुपए खर्च किये गये. अब तक करीब 1600 यूनिट विभिन्न पंचायतों में लगाये जा चुके हैं. बावजूद अंधेरा कायम है. मामले की छानबीन शुरू हुई तो मालूम हुआ कि आधा से ज्यादा सोलर लाइट खराब है. लगाने के बाद से ही इसकी रोशनी गुल हो गई. विभागीय अधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराया गया. उच्च स्तरीय जांच शुरू हुई. जांच रिपोर्ट सामने आयी. सोलर पैनल में गड़बड़ी का खुलासा हुआ. बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हुई. न तो सोलर लाइट की मरम्मत हुई न ही उसके बदलने की कोई प्रक्रिया शुरू हुई. जबकि 5 सालों तक मेंटेनेंस किये जाने की बात अधिकारी द्वारा बताई जा रही है. पंचायत की राशि का इतना बड़ा दुरुपयोग होना लोगों के लिए काफी परेशानी बड़ा सबब हो सकता है. लोगों व जनप्रतिनिधियों का कहना है कि इतनी राशि अगर दूसरे मद में खर्च की जाती तो काफी राहत मिलती. क्योंकि सोलर लाइट के बदले पर्याप्त मात्रा में बिजली पहले से ही मिल रही है. इस योजना का तो कोई औचित्य ही नहीं है. लगातार एजेंसी और मेटेरियल के विरुद्ध शिकायत के बावजूद विभिन्न पंचायत में इसके लगाने की प्रक्रिया जारी है. जांच होती है लेकिन कार्रवाई न होने से इसकी एजेंसी भी बेधड़क काम को आगे बढ़ा रहा है. अधिकारी जांच रिपोर्ट सौंप कर अपनी जिम्मेवारी से मुक्त हो रहे हैं. पंचायत के प्रतिनिधियों का कहना है कि इसका ठीकरा जनप्रतिनिधियों के सर ही फोड़ा जा रहा है. क्योंकि पंचायत की राशि खर्च हुई है तो स्वाभाविक है कि क्षेत्र के लोग सवाल जवाब तो करेंगे ही. इस बाबत पूछे जाने पर बीपीआरओ संजीव कुमार ने बताया कि गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद कई बार इसकी जांच की गई. जांच रिपोर्ट वरीय अधिकारी को सौंप दी गयी है.
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