समस्तीपुर. जिले के चकमेहसी थाना की पुलिस ने नौकरी के नाम पर ठगी के आरोप में थानाकांड संख्या 66/ 25 के प्राथमिक अभियुक्त एक महिला को गिरफ्तार किया. उसकी पहचान भागलपुर जिला के नाथ नगर थाना के साहेबगंज पुराना टोला निवासी कैसर खान की पत्नी सोफिया खानम के रूप में हुई है. जानकारी के अनुसार गिरफ्तार महिला वह मोतीहारी के परसौनी कृषि विज्ञान केन्द्र में सहायक के पद पर कार्यरत है. बीते 9 मई पूसा थाना क्षेत्र के सिमरी गोपाल गांव के अखिलेश कुमार ने चकमेहसी थाना में एक आवेदन देकर उक्त महिला के विरूद्ध नौकरी के नाम पर ठगी की प्राथमिकी दर्ज करायी थी. दर्ज प्राथमिकी में पीड़ित शिकायतकर्ता ने बताया कि वह पूसा कृषि केंद्र में सहायक के पद पर कार्यरत हैं. वहीं, सोफिया खानम भी पहले सहायक के पद पर कार्यरत थी. उनके कार्यालय अवधि में उनके पुत्र दीपक कुमार का आना जाना लगा रहता था. जहां वह सोफिया के संपर्क में आ गया. दीपक स्नातक की पढाई पूरी कर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था. सोफिया ने उसे सरकारी नौकरी का प्रलोभन दिया और समस्तीपुर नगर थाना क्षेत्र के काशीपुर मोहल्ला में पवन ठाकुर से संपर्क कराया. पवन ठाकुर काशीपुर मोहल्ला में इंग्लिश का कोचिंग चलाता था. उसने दीपक को विश्वास दिलाते हुए कहा कि सोफिया के कहने पर जल्द नौकरी मिल जाएगी. फिर वर्ष 2022 में 24 जुलाई को सोफिया और पवन ठाकुर उसके घर आए. वहां उनके पुत्र दीपक, पुत्री और एक रिश्तेदार सहित आसपास के लोग, जो सरकारी नौकरी के इच्छुक थे. सभी अपने अभिभावक के साथ एकत्र थे. वहां सोफिया और दीपक ठाकुर ने मौजूद बच्चे और उनके अभिभावक को विश्वास दिलाया कि 15 से 20 लाख प्रति अभ्यर्थी प्रोसेसिंग फीस, ट्युशन फीस व अन्य फीस के रूप में रूपये देने पर उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक में सरकारी नौकरी लग जाएगी. जिसके बाद उन्होंने 2 लाख रूपये तत्काल सोफिया को दे दिया. बाद में 51 लाख रूपये दिया. इसके बाद वर्ष 2022 में 30 अगस्त को मेल के माघ्यम से मुजफ्फरपुर के कलमबाग चौक स्थित मिलन होटल में परीक्षार्थियों को परीक्षा के लिए बुलाया गया. इसमें उनके तीन अभ्यर्थी और आसपास के कई परीक्षार्थी आन लाइन परीक्षा में शामिल हुए. इसके बाद वर्ष 2023 में 11 दिसंबर को डाक के माघ्यम से अभ्यर्थियों को उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के मुजफ्फरपुर में स्केल टू आफिसर और सहायक के पद पर नियुक्त पत्र प्राप्त हुआ. जिसके आधार पर बीते 6 जनवरी को उनके पुत्र, पुत्री और एक रिश्तेदार नियुक्त पत्र लेकर गंतव्य पर पहुंचे. जहां पता चला कि नियुक्ति पत्र फर्जी है. साथ ही यह भी पता चला कि अन्य छात्रो को नियुक्ति पत्र भेजकर करोड़ रूपये की ठगी की गयी है. इघर, फर्जी नियुक्ति पत्र के संबंध में जब उन्होंने सोफिया खानम और पवन ठाकुर से पूछा तो उसने बताया कि तकनिकी खराबी के वजह से नियुक्ति पत्र गलत आ गया है. इस क्रम में सोफिया खानम ने अपना तबादला मोतीहारी करा लिया. बाद में दबाब बनाने पर 10 लाख वापस किया. बाकी 40 लाख रूपये बकाया है. थानाध्यक्ष संतोष यादव ने बताया कि नौकरी के नाम पर ठगी के आरोप में महिला को गिरफ्तार किया है.
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