समस्तीपुर . जिले की सड़कों पर वाहनों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हो रही है. वहीं वाहन चालकों के द्वारा ट्रैफिक नियमों का पालन भी सही ढंग से नहीं किया जा रहा है. वाहनों की गति भी अनियंत्रित रहती है. नतीजा है कि हर रोज जिले की सड़कें खून से लाल हो रही है. गत वर्ष सड़क दुर्घटना में 562 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. कई दर्जन लोग जख्मी हुये. अप्रैल और मई में अबतक सड़क दुर्घटना दर्जन भर से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. सड़क दुर्घटना का प्रमुख कारण वाहनों की तेज गति है. वहीं सड़क पर वाहनों की बहुत अधिक संख्या बढ़ती जा रही है. ट्रैफिक नियम को तोड़ना तो वाहन चालकों के लिये ट्रेंड सा बन गया है. वाहनों की बढ़ती संख्या का अंदाजा परिवहन विभाग में पिछले एक वर्ष में नये वाहनों के पंजीयन से लगाया जा सकता है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिले में छोटे-बड़े 57678 वाहन रजिस्टर्ड हुये हैं. जिले में 2024-25 में मल्टी एक्सेल और एग्रीक्लचर के नौ वाहन पंजीकृत हुये हैं. वहीं मीडियम, हैवी ट्रक तथा लॉरी छह पंजीकृत हुये हैं. 354 चार पहिया वाहन पंजीकृत हुये हैं. 184 तीन पहिया वाहन, 1062 ट्रैक्टर, 132 ट्रेलर, 27 बसें, ईआर गुड्स 34, मिनी बस व अन्य छोट वाहन दो, टैक्सी 21, ऑटो रिक्सा 912, ईआर प्राइवेट 3802, मॉपेड 448, कार 548, जीप 39 तथा स्कूटर और मोटरसाइकिल 50064 पंजीकृत हुये हैं. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सड़कों पर वाहनों की रफ्तार किस गति से बढ़ रही है. 2024 के अप्रैल में 4747, मई में 5817, जून में 5334, जुलाई में 2280, अगस्त में 3354, सितंबर में 4351, अक्टूबर में 3581, नवंबर में 4683, दिसंबर में 9190, 2025 के जनवरी में 5736, फरवरी में 3686 व मार्च में 4976 वाहन रजिस्टर्ड हुये हैं.
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