Samastipur News:समस्तीपुर : हमारा समाज विकसित हो रहा है इसके साथ ही में मनुष्य की आपराधिक भावना भी बढ़ रही है. मानव को पिछले युग में कई बदलाव देखने को मिले हैं. कुछ समय पहले आपराधिक दिमाग वाले लोग समाज की वस्तुओं को निशाना बनाते थे, लेकिन हाल के वर्षों में ये छोटे बच्चों और शिशुओं को निशाना बनाने लगे हैं. मानवता पशुता में ढलती जा रही है. छोटे बच्चों और शिशुओं को वो लोग निशाना बनाने लगे हैं जो अपने यौन आकर्षण के लिए इनका गलत इस्तेमाल करते हैं क्योंकि इन्हें मालूम है कि कम उम्र के बच्चे कमजोर व नासमझ होते हैं और दूसरों से जल्दी घुल-मिल जाते हैं व दूसरों पर जल्दी विश्वास भी कर लेते हैं. इस तरह के ज्यादातर अपराधी घर में से ही या आसपड़ोस या जान-पहचान वाले ही होते हैं. जिले के कुछेक विद्यालयों में बच्चियों के साथ हुई घटना ने इसका महत्व और बढ़ा दिया है. बच्चों को यौन शोषण से बचाव के लिए उन्हें काेमल फिल्म दिखाकर जागरूक किया जायेगा. प्रारंभिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को गुड टच व बैड टच पर आधारित फिल्म के माध्यम से यौन शोषण से बचाव की जानकारी दी जायेगी. बिहार शिक्षा परियोजना के एसपीडी ने यह निर्णय लिया है. एनिमेटेड फिल्म कोमल के जरिए गुड और बेड टच क्या होता है, इससे कैसे बचाव करें इसकी जानकारी छात्राओं को दी जायेगी. लड़कियों व बच्चियों के साथ यौन अपराध पर रोकथाम के लिए यह कार्यक्रम स्कूलों में चलेगा. स्कूलों में शिक्षा विभाग लड़कियों व बच्चों को यौन उत्पीड़न से बचाव पर बनी बाल फिल्म कोमल दिखायेगा. छात्राओं को बैड टच एवं गुड टच की जानकारी देने के लिए फिल्म की सीडी उपलब्ध कराई जायेगी. कस्तूरबा विद्यालयों में भी फिल्म दिखाई जायेगी. विभाग का मानना है कि छोटी उम्र की बच्ची नासमझी के कारण कई बार बाल यौन अपराध का शिकार हो जाते हैं. फिल्म से बच्चों को बचाव के तरीके बताए जायेंगे.
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