Samastipur News:विद्यापतिनगर : फलों का राजा आम बाजार में अपने मिठास और खुशबू के साथ छा गया है. बागों में बाहर है. बाजारों में भरमार है. न्यूनतम मूल्य के बाद भी फलों का राजा आम का बादशाहत बरकरार है. विद्यापतिनगर के बैसा बगीचा में अत्यधिक उत्पादन से आम प्रेमियों के साथ साथ वन्य प्राणी भी खुशहाल हैं. अत्यधिक फलन से न्यूनतम कीमत की चिंता हवा हवाई हुआ है. बागवान, व्यवसायी और बाजार का मजबूत गठजोड़ आम की मिठास को बढ़ा दिया है. बाजार में चहुओर इसका साम्राज्य कायम है. बगीचे में पके आम के जमी पर बिछने से वन्य प्राणियों की भी चहल कदमी बढ़ गयी है. बागों में बंदर अपने पसंद की खा रहे हैं तो खूंटे से बंधे मवेशी को फलों का रस निचोड़ कर भूसे के साथ खिलाया जा रहा है. बाजारों में फल बेचने वाले कि जुबान पर सफेद मालदह सौ के पांच किलो, अन्य वेरायटी फ्री में ले लो, का रट लगा है. सस्ते आम ने सब्जियों के बाजार पर कब्जा जमा लिया है. फलस्वरूप देहाती कहावत किसानों की जुबानी बनी है. कहते है शोधलक नारायणा चारों घरैयना. पके आम की अधिक आमद ने सब्जियों व विभिन्न मिठाइयों सहित अन्य खाने वालों सामग्री की विक्री पर विराम लगा दिया है.
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