Samastipur News:पूसा : ग्रीष्मकालीन दलहनी फसलों में मूंग महत्वपूर्ण स्थान रखता है. बुवाई के लिए अनुकूल समय 15 अप्रैल तक होता है. इससे देर होने पर गर्म हवा व वर्षा के कारण फलियों को नुकसान होता है. यह कहना है कृषि विज्ञान केंद्र बिरौली के केंद्र प्रमुख डॉ आरके तिवारी का. उन्होंने बताया कि अप्रैल में शीघ्र पकने वाली प्रजातियों को लगाना उत्तम होता है. बुवाई से पूर्व बीजों को उपचार जरूर कर लेना चाहिए. मूंग को 30 सेमी पंक्ति से पंक्ति व 5 से 7 सेंटीमीटर पौधे से पौधे की दूरी पर बुवाई करें एवं बीज को 3 से 4 सेंटीमीटर गहराई पर बोना चाहिए. ध्यान रखना चाहिए की शाखाएं बनते समय व दाना भरते समय खेतों में नमी पर्याप्त रहे. डा तिवारी ने बताया कि पकी हुई फलियों की तुड़ाई तीन से चार बार में पूरी होती है. अगात मूंग की फसल अत्यंत लाभकारी होता है. ग्रीष्मकालीन मूंग को गर्म हवा एवं वर्षा से बचाने की जरूरत होती है. इससे बेहतर उत्पादन लेना संभव है.
संबंधित खबर
और खबरें