Samastipur News:समस्तीपुर : जल ही जीवन है. यह जुमला लोग अक्सर दोहराते हुए मिल जाते हैं. लेकिन जल संरक्षण के प्रति समाज व नगर निगम कितना जागरूक है यह शहर के विभिन्न मुहल्ले में क्षतिग्रस्त पाइप से गिरते पानी देख कर सहज रूप से समझा जा सकता है. आमलोगों का भी कहना है कि क्षतिग्रस्त पाइप व लीकेज के कारण पानी सड़कों पर बहता रहता है. लेकिन पानी की बर्बादी का आज तक किसी ने सुधि नहीं ली है. पानी की बर्बादी को रोका जाता तो निश्चित तौर पर सैकड़ों घरों की प्यास अवश्य बुझ जाती. शहर के वार्ड 33 के प्रोफेसर काॅलोनी गली संख्या 1 निवासी डा. गौतम कुमार बताते है कि घर घर में नल से जल तो नहीं मिल रहा है, लेकिन पाइप लाइन से प्रतिदिन हजारों लीटर पानी की बर्बादी जरूर हो रही है. पानी की हो रही बर्बादी के कारण लोग बूंद बूंद पानी के लिए तरस गये हैं. इस व्यवस्था को देखने वाला कोई नहीं है. व्यर्थ में पाइप लाइन से पानी बर्बाद होने से लोगों के घरों में लगे नल तक पानी नहीं पहुंच रहा है. पानी के लिए लोग तरस रहे हैं. मिली जानकारी के मुताबिक 58535 लोगों के घरों में हर घर नल का जल पहुंचाना था लेकिन नगर निगम के अनुसार 47498 घरों को योजना का लाभ मिल रहा है. वर्तमान में स्थिति यह है कि शहर के विभिन्न इलाकों में हर घर नल का जल देने के लिए कनेक्शन दे दिया गया लेकिन पानी नल की टोटी से नहीं निकल रहा है. इस योजना के तहत मेंटेनेंस का कार्य नहीं किया जा रहा है. आयुष राज ने बताया कि मुख्य पाइप हो या लुप पाइप कई जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गए है जिनका समय-समय पर मेंटेनेंस होना जरूरी है. इधर नगर निगम प्रशासन इसके लिए टेंडर निकाल संवेदक को तैनात करने की बात कह अपने कार्यों को इतिश्री समझ रहे हैं.
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