
छपरा. बिहार बंद के कारण बुधवार को प्रभावित हुई स्वास्थ्य सेवाओं का असर गुरुवार को सदर अस्पताल में साफ देखने को मिला. गुरुवार सुबह अस्पताल खुलते ही इलाज के लिए मरीजों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. दूर-दराज से आये मरीज सुबह से ही ओपीडी की ओर रुख करने लगे और कतारों में खड़े होकर इलाज की प्रतीक्षा करते नजर आये. बुधवार को महागठबंधन द्वारा कराये गये बिहार बंद के चलते ओपीडी के साथ-साथ इमरजेंसी सेवाएं भी प्रभावित रही थीं. उस दिन दोपहर एक बजे तक महज दो सौ मरीजों का ही निबंधन हो सका था, जबकि सामान्य दिनों में यह संख्या कहीं अधिक रहती है. गुरुवार को इसी के चलते अस्पताल में अचानक भीड़ बढ़ गयी. दोपहर एक बजे तक ही छह सौ से अधिक मरीज अस्पताल पहुंच चुके थे. हालांकि, कई चिकित्सक निर्धारित समय पर अपने-अपने विभागों में उपस्थित नहीं हुए, जिससे मरीजों को घंटों कतार में खड़ा रहना पड़ा. उमस भरी गर्मी में विशेष रूप से वृद्ध, महिलाएं और छोटे बच्चों के साथ आये लोग बेहद परेशान नजर आये.
महिला, मेडिसिन व हड्डी विभागों में मरीजों को लाइन में खड़ा रहना पड़ा घंटों तक
गुरुवार को ओपीडी में अत्यधिक भीड़ और अव्यवस्था के कारण पचास से अधिक मरीज बिना इलाज कराये ही लौटने को मजबूर हो गये. सुबह से ही ओपीडी में मरीजों की लंबी कतारें लग गयी थीं. कई लोग दूरदराज के इलाकों से घंटों का सफर तय करके इलाज के लिए पहुंचे थे, लेकिन पंजीकरण से लेकर डॉक्टर की जांच तक के लंबे इंतजार ने उन्हें थका दिया. महिला, मेडिसिन और हड्डी विभाग में मरीजों को घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ा. कई बुजुर्ग, महिलाएं और छोटे बच्चों के साथ आए लोग थक-हार कर लौट गये. अस्पताल प्रबंधक राजेश्वर प्रसाद ने बताया कि निबंधन काउंटर समय पर खोला जा रहा है और व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की कोशिश की जा रही है. हालांकि, उन्होंने भीड़ के दबाव को सेवा में देरी की मुख्य वजह बताया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है