सीतामढ़ी. सूबे में फर्जी/अवैध प्रमाण-पत्रों के आधार पर नौकरी हासिल करने वाले सैकड़ों शिक्षकों पर अब तक कार्रवाई की जा चुकी है. बहुतों के खिलाफ जांच और कार्रवाई चल रही है. बावजूद कुछ अभ्यर्थी फर्जी प्रमाण-पत्र के सहारे शिक्षक की नौकरी हासिल करने की जुगत में लगे रहते है. हालांकि शिक्षा विभाग की जांच में ऐसे शिक्षक पकड़े जा रहे है. फिलहाल सूबे के 24 शिक्षक विभाग के रडार पर है.
बताया गया है कि स्थानीय निकाय शिक्षक सक्षमता परीक्षा 2024 (द्वितीय) में सफल अभ्यर्थियों में से 24 के प्रमाण-पत्रों को विभाग ने प्रथम दृष्टया फर्जी पाया है. विभाग ने इन शिक्षकों को मुख्यालय में प्रमाण-पत्रों के साथ बुलाया था. ताकि उसका सत्यापन किया जा सके. आठ मई की तिथि निर्धारित थी. 24 में से आठ शिक्षक पहुंचे थे. शेष 18 शिक्षक कतिपय कारणों से नहीं पहुंच सके थे. माध्यमिक शिक्षा के उप निदेशक ने अब्दुस सलाम अंसारी ने नालंदा, रोहतास, गया, औरंगाबाद, मधुबनी, भागलपुर, खगड़िया, बेगूसराय, जहानाबाद, सीतामढ़ी, वैशाली और गोपालगंज के डीईओ को पत्र भेजकर उक्त मामले की जानकारी दी है. उन्होंने आठ मई को अनुपस्थित रहे शिक्षकों को 15 मई को काउंसलिंग में शामिल होने को विभागीय सभागार, पटना में 12 बजे तक भेजने का निर्देश दिया है. बताया गया है कि किसी शिक्षक का स्नातक का सर्टिफिकेट फेक पाया गया है, तो किसी का नियोजन ही संदिग्ध है1 किसी का इंटर/मैट्रिक का सर्टिफिकेट फर्जी लग रहा है, तो किसी का सीटीईटी का.
— इन शिक्षकों के प्रमाण-पत्र फेक
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