इन 11 पवित्र नदियों का जल शामिल
वहीं, 11 पवित्र नदियों में गंगा, यमुना, सरस्वती, भागीरथी, अलकनंदा, मंदाकिनी, पिंडर, धौलीगंगा, गंगोत्री, यमुनोत्री और सरयू का जल शामिल है. दरअसल, इन नदियों से लाया जा रहा जल धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है, ऐसा इसलिए क्योंकि यह प्रकृति और आस्था के मिलन का प्रतीक है. जगतगुरु विश्वकर्मा शंकराचार्य संत स्वामी दिलीप योगीराज तीर्थराज के नेतृत्व में इन नदियों का जल सीतामढ़ी पहुंचेगा. जिसके स्वागत के लिए शोभायात्रा, भजन कीर्तन और विशेष पूजा की जाएगी.
3 दिनों तक ऐसा होगा कार्यक्रम
वहीं, तीन दिनों तक होने वाले कार्यक्रम की बात करें तो, 6 अगस्त को जल पूजन और अभिषेक, 7 अगस्त को वैदिक अनुष्ठान और धार्मिक प्रवचन होगा. इसके बाद 8 अगस्त को मुख्य शिलान्यास समारोह आयोजित होगा. इधर, भव्य आयोजन को लेकर बेहद उत्साह देखा जा रहा है. श्रद्धालु, स्थानीय लोग और धार्मिक संगठनों के कार्यकर्ता मंदिर प्रांगण को सजाने-संवारने में जुट गए हैं, ताकि यह खास पल युगों तक याद किया जा सके. इधर, देशभर से प्रमुख शंकराचार्य, महामंडलेश्वर, संत-महात्मा, अखाड़ा परिषद के प्रतिनिधि, कथावाचक और वैदिक विद्वान इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनेंगे.
अयोध्या की तर्ज पर होगा विकास
पिछले दिनों केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया था कि मां सीता के भव्य मंदिर के निर्माण की आधारशिला 8 अगस्त को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रखेंगे. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बिहार के मुखिया नीतीश कुमार होंगे. उन्होंने बताया था कि मां सीता के मंदिर निर्माण के बाद सीतामढ़ी का विकास राष्ट्रीय स्तर पर होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सीतामढ़ी की धरती पर विशेष नजर है. आने वाले दिनों में सीतामढ़ी का विकास अयोध्या की तर्ज पर दिखने लगेगा.
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