डुमरा. यूनिसेफ की बाल संरक्षण की टीम ने गुरुवार को सीतामढ़ी जिले का दौरा कर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का अनुश्रवण, बाल अधिकारों की स्थिति का मूल्यांकन व किशोरियों के सशक्तिकरण को लेकर संवाद स्थापित किया. दिल्ली से पहुंची टीम ने बेलसंड व परसौनी प्रखंड के मधकौल, भोरहा व देमा गांवों का भ्रमण किया, जहां उन्होंने बाढ़ से प्रभावित बच्चों व उनके परिवारों की स्थिति की जानकारी ली. इसके साथ ही टीम ने पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन योजना से लाभान्वित एक बालिका से मुलाकात कर उसके जीवन में आए सकारात्मक बदलावों को जाना. दौरे के दौरान टीम ने स्थानीय किशोरी समूहों के साथ संवाद सत्र भी आयोजित किया. इन बैठकों में किशोरियों ने अपने अनुभव साझा किए व सामाजिक तथा व्यक्तिगत चुनौतियों पर खुलकर चर्चा की. यूनिसेफ टीम ने किशोरियों को जागरूकता, आत्मनिर्भरता व शिक्षा के महत्व को लेकर प्रोत्साहित किया. वहीं कठिन परिस्थितियों में रहकर इंटरमीडिएट परीक्षा में सफल हुई किशोरियों को यूनिसेफ टीम ने बधाई दी एवं उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना किया. टीम ने कहा कि इन किशोरियों की सफलता न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे समाज के लिए गर्व का विषय है. यूनिसेफ की यह पहल बाल संरक्षण, शिक्षा व किशोरी सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है. टीम ने सीतामढ़ी जिले में इन क्षेत्रों में किए गए कार्यों की सराहना किया. स्थानीय लोग व प्रशासन ने भी यूनिसेफ टीम के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए सहयोग देने का आश्वासन दिया. इस टीम में यूनिसेफ के बाल संरक्षण प्रमुख जैरस लिगू, बाल संरक्षण अधिकारी गार्गी साहा व प्रथम संस्था के जिला समन्वयक सुधीर कुमार शामिल थे.
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