सीतामढ़ी. शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों की व्यवस्था में सुधार के लिए काफी पूर्व से निरीक्षण/अनुश्रवण की व्यवस्था की गई है. इससे स्कूलों में बहुत कुछ बदला हैं. शिक्षक समय पर स्कूल पहुंच रहे है और शिक्षक व बच्चे स्कूल में टिक भी रहे है. इस विभाग के एसीएस डॉ एस सिद्धार्थ ने निरीक्षण से संबंधित एक खुलासा किया है. वह, यह कि विभाग के संविदा अधिकारी/कर्मी निरीक्षण के नाम पर खानापूर्ति करते है. उनके द्वारा फर्जी निरीक्षण रिपोर्ट विभाग को सौंपी जाती है.
एसीएस ने निरीक्षण प्रतिवेदन की समीक्षा की है. इस समीक्षा में उजागर हुआ है कि शिक्षा विभाग में संविदा पर कार्यरत अधिकारी/कर्मियों की रिपोर्ट फर्जीवाड़ा वाला है. यानी ये अधिकारी बेखौफ होकर विभाग को फर्जी निरीक्षण प्रतिवेदन सौंप दिए थे. इसे एसीएस ने गंभीरता से लिया हैं और संविदा वाले अधिकारी और कर्मियों को निरीक्षण की जिम्मेवारी से मुक्त कर दिया है. इसके साथ ही और भी कई कदम उठाए गए है.
— रिपोर्ट व धरातल की सच्चाई में भिन्नता
अबतक जिला स्तर से तय होता था कि किस स्कूल का कौन अधिकारी निरीक्षण करेंगे, पर अब विभाग के एसीएस ही स्कूल का चयन करेंगे और निरीक्षण वाले स्कूलों की सूचना एक दिन पूर्व रात्रि 9 बजे मोबाईल पर एसीएस के कार्यालय से दी जायेगी. विद्यालयों के निरीक्षण की सूचना गोपनीय रखी जाएगी. निरीक्षण के दिन विद्यालय के किसी भी शिक्षक, अधिकारी व कर्मी को बिना बताए निरीक्षी अधिकारी स्कूल की ओर प्रस्थान करेंगे और विद्यालय का निरीक्षण करेंगे. किसी कारणवश संबंधित पदाधिकारी निरीक्षण नहीं कर पाए तो वे इसकी सूचना एसीएस कार्यालय में इस व्यवस्था का संचालन करने वाले नोडल पदाधिकारी अनिक कुमार को देंगे. एक अधिकारी हर माह कम से कम 25 स्कूलों का निरीक्षण करेंगे.
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