सीतामढ़ी. संयुक्त किसान संघर्ष मोर्चा ने भीषण सुखाड़ को लेकर मुख्यमंत्री को त्राहिमाम संदेश भेजा है. मोर्चा के उत्तर बिहार संयोजक डॉ आनंद किशोर, जिलाध्यक्ष जलंधर यदुवंशी, उपाध्यक्ष अमरेंद्र राय, शशिधर शर्मा तथा महासचिव संजीव कुमार सिंह ने मेल भेजकर कहा है कि खरीफ सीजन जून-जुलाई माह में वर्षा नही होने से संपूर्ण सीतामढी जिला भीषण सुखाड की चपेट में है. किसानों में हाहाकार है. मजदूर गांव छोड पंजाब तथा हरियाणा पलायन कर गये हैं. किसान जाये तो जायें कहां? पटवन के बावजूद धान के बीचडे सूखकर पीले पड गये हैं. वर्षा की उम्मीद में मंहगे पानी से धान की रोपनी की गयी उन खेतों में दरार हो गया है. जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से हर वर्ष रबी तथा खरीफ फसल के समय कोई न कोई प्राकृतिक आपदा आना निश्चित है. पिछले साल खरीफ सीजन में वर्षा, बाढ तथा तटबंध टूटने से भारी बर्बादी हुई थी. फिर रबी सीजन में आंधी, वर्षा तथा ओलावृष्टि से गेंहूं, दलहन, आम तथा सब्जी बर्बाद हुई. सरकार तथा उनके नुमाइंदों का कथन कि राजकोष पर पहला हक आपदा पीडितों का है, पर वह हक खेतीहरों तक पहुंचता नही है. सुनियोजित कारण से फसल क्षति पर अनुदान तथा फसल बीमा भी नही मिलता. किसान सम्मान योजना की राशि बढाने तथा खेती की लागत घटाने,जल प्रबंधन की योजनायें ठंढे बस्ते में हैं. किसानों का जीवन बचाने हेतु बिहार सरकार तत्काल सभी किसानों को नकद सहायता का भुगतान कराये तथा फसल क्षति तथा बीमा का भुगतान हो. सभी सरकारी गैर सरकारी नलकूपों को किसान फीडर से जोडकर नि:शुल्क सिंचाई सुलभ हो. जहां नदी है वहां नदी का पानी रोककर सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाए. इन समस्याओं के स्थाई समाधान हेतु किसानों के साथ प्रशासन तथा सरकार के प्रतिनिधि की बैठक कर स्थायी बन रही इस आपदा से मुकाबला पर दूरगामी रणनीति बनायी जाए. मांग पत्र की प्रतिलिपि कृषि मंत्री तथा कृषि सचिव बिहार को भी भेजी गयी है.
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