इन मामलों में मिली है सजा
बताया गया है कि विदेशी अधिनियम की धारा- 14 में यह सजा सुनाई है. वहीं, 12 पासपोर्ट अधिनियम में छह माह की सजा सुनाई गई है. कोर्ट ने फैसले में कहा है कि दोनों सजाएं साथ-साथ चलेगी. मामले में सरकार पक्ष की ओर से अनुमंडल अभियोजन पदाधिकारी उमेश कुमार ने पक्ष रखा. वहीं, बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता राघव कुमार ने बहस किया. सजा पाने वाला रकीबुल इस्लाम, पिता बादल गोंडा, बांग्लादेश के ढाका राज्य के मदारीपुर जिला अंतर्गत मदारीपुर गांव का रहनेवाला है.
12 अक्तूबर 2023 को धराया था बांग्लादेशी
इंडो-नेपाल बॉर्डर पर तैनात एसएसबी ने 12 अक्टूबर, 2023 को भारतीय क्षेत्र से नेपाल सीमा क्षेत्र में प्रवेश करने के दौरान बांग्लादेशी रकीबुल इस्लाम को पकड़ कर सुरसंड थाना पुलिस के हवाले कर दिया था. दरअसल, उसके पास कोई वैध प्रमाण पत्र नहीं था. यानी उसके पास से न वीजा था और न पासपोर्ट. यानी बिना वैध कागजात के ही वह भारत के तमिलनाडु और बिहार का भ्रमण कर नेपाल में प्रवेश कर रहा था.
काठमांडू जाने वाला था बांग्लादेशी
दोषी बांग्लादेश के मदारीपुर जिले के मदारीपुर थाना क्षेत्र के भोसरे-4 गांव का रहनेवाला है. एसएसबी अधिकारियों की पूछताछ में उसने बताया था कि वह तमिलनाडु से बिहार होते हुए भिट्ठामोड़ पहुंचा था. उसने नेपाल में प्रवेश करने के बाद काठमांडू जाने की बात कही थी. एसएसबी को उसके पास से एक मात्र मोबाइल मिला था. एसएसबी भिट्ठा कैंप के प्रभारी रमेश कुमार ग्वाला के नेतृत्व में मुख्य आरक्षी अशोक कुमार, मुन्ना साह, जवान अमरजीत, महिला कांस्टेबल नागेश्वरी ने उसे पकड़ा था.
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