सीतामढ़ी. नर्सिंग कर्मी आशीष शर्मा की मौत को लेकर सदर अस्पताल के जीएनएम, एएनएम व अन्य स्वास्थ्य कर्मी की हड़ताल के कारण गुरुवार की सुबह से बंद अस्पताल की स्वास्थ्य सेवा शनिवार से वापस पटरी पर लौट आयी. इमरजेंसी, ओपीडी, पीकू, लेबर वार्ड सहित सभी स्वास्थ्य सेवा में पहले जैसा मरीजों का इलाज किया जा रहा है. सुबह से ही शिफ्ट वार जीएनएम, एएनएम व स्वास्थ्य कर्मी ड्यूटी पर तैनात दिखाई दे रहे थे. सदर अस्पताल में करीब 60 घंटे तक चिकित्सकीय सेवा लोगों के लिए पूरी से ठप हो गया था. चिकित्सक के साथ काम करने वाले सभी नर्सिंग कर्मी हड़ताल पर चले गए थे. जिसके कारण स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी से ठप हो गया था. दूर दराज से आये मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था. मरीजों को बिना इलाज के रेफर तक करना पड़ा. वहीं, कई भर्ती मरीजों के परिजन अपने मरीजों को लेकर निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. मालूम हो कि गुरुवार की सुबह आइसीयू वार्ड में काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मी आशीष शर्मा आइसीयू वार्ड में हाजिरी रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने के बाद थाना रोड स्थित अपने आवास चले गए. करीब 10.15 में सूचना मिली कि आशीष शर्मा अपने आवास के रुम में पंखे से फंदे से लटककर आत्महत्या कर लिया. पुलिस को उसके रुम से एक सुसाइड नोट भी प्राप्त हुआ था, जिसमें आत्महत्या की बात स्वीकार की थी. लेकिन बाद में सदर अस्पताल में आशीष शर्मा के साथ काम करने वाले नर्सिंग कर्मी हड़ताल पर चले गए. नर्सिंग कर्मी वर्तमान अस्पताल प्रबंधन को हटाया जाने तक हड़ताल पर रहने की घोषणा कर दिया. साथ ही आशीष शर्मा के परिजनों ने स्थानीय प्रशासन से न्याय की गुहार लगायी. दोषियों को पद से हटाकर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की. कार्रवाई करने के बाद ही पोस्टमार्टम कराने की जिद पर अड़ी रही. बाद में सीएस डॉ अखिलेश कुमार के द्वारा अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ सुधा झा को पद से विमुक्त करते हुए डॉ मुकेश कुमार को प्रभारी उपाधीक्षक बनाया गया. अस्पताल प्रबंधक विजय चंद्र झा व लेखापाल राघवेंद्र कुमार झा, डीएस कार्यालय के प्रधान लिपिक प्रवीण कुमार व लिपिक चंदन कुमार को सस्पेंड कर दिया गया. स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई के बाद आशीष शर्मा के शव का पोस्टमार्टम किया गया. उसके बाद अस्पताल के हड़ताल पर गये नर्सिंग कर्मी वापस काम पर लौट गये.
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