—एक हजार मार्क्स के आधार पर बनेगा रैंक
▪︎ सेवा स्तर प्रगति- इसका मूल्यांकन जिला स्व-मूल्यांकन रिपोर्ट व ओडीएफ प्लस मॉडल सत्यापित गांव के डेस्कटॉप सत्यापन के आंकड़ों के आधार पर होगा.
▪︎ स्वच्छता अवसंरचना की कार्यक्षमता का प्रत्यक्ष निरीक्षण- इसका मूल्यांकन प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इकाई, गोबरधन संयंत्र व मल कीचड़ प्रबंधन प्रणाली के आधार पर होगा.
▪︎ नागरिक फीडबैक- यह मूल्यांकन मोबाइल एप्प्लिकेशन व क्षेत्र सर्वेक्षण के दौरान लोगो से बातचीत के आधार पर होगा.
स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2025 प्रारंभ होना हैं. स्वच्छता से संबंधित राष्ट्रीय स्तर के इस सर्वेक्षण के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रो में स्वच्छता की स्थिति का आंकलन किया जायेगा. इसको लेकर सभी बीडीओ व प्रखंड समन्यवकों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया हैं.
संदीप कुमार, डीडीसी
–ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन के तहत हुए कार्य
• प्रति घरों में दो डस्टबिन का वितरण
• सार्वजनिक स्थलों पर सामुदायिक डस्टबिन
• प्रत्येक वार्डों पर पैडल रिक्शा की उपलब्धता
• पंचायत स्तर पर एक ई-रिक्शा व फॉगिंग मशीन
• सफाई कार्य के लिए स्वच्छता कीट
• पंचायतों में सामुदायिक सोक पिट का निर्माण
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