साहित्य प्रेम की खातिर सांवलिया बिहारी वर्मा ने छोड़ दी थी कॉलेज की नौकरी

स्वच्छता प्रौद्योगिकी उद्यान में गीता भवन के संस्थापक, स्वतंत्रता सेनानी सांवलिया बिहारी लाल वर्मा की 130वीं जयंती की पूर्व संध्या पर विचार गोष्ठी सह कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया

By VINAY PANDEY | June 17, 2025 7:48 PM
an image

सीतामढ़ी. कला-संगम एवं पं चंद्रशेखर धर शुक्ल साहित्यिक व सांस्कृतिक संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को डुमरा स्थित स्वच्छता प्रौद्योगिकी उद्यान में गीता भवन के संस्थापक, स्वतंत्रता सेनानी सांवलिया बिहारी लाल वर्मा की 130वीं जयंती की पूर्व संध्या पर विचार गोष्ठी सह कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया. जिला लेखा पदाधिकारी प्रियरंजन राय के संयोजकत्व एवं शिक्षाविद् शैलेंद्र कुमार खिरहर के सौजन्य से आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवानिवृत्त रेलकर्मी मालबाबू सुनील कुमार झा ने की. संचालन गीतकार गीतेश ने किया. मौके पर सांवलिया बिहारी लाल वर्मा के पौत्र डॉ आनंद प्रकाश वर्मा को संस्थान की ओर से अंग-वस्त्र, पुष्प-गुच्छ एवं पुस्तक देकर सम्मानित किया गया. डॉ वर्मा ने कहा कि प्रखर राष्ट्रवादी सांवलिया बिहारी लाल वर्मा ने राष्ट्रीय आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया एवं साहित्य प्रेम की खातिर कॉलेज की नौकरी भी छोड़ दी. बिहार राष्ट्रभाषा परिषद, हिन्दी साहित्य सम्मेलन एवं श्रद्धानंद अनाथालय के वे संस्थापक सदस्य थे. इंडियन लॉ कमीशन के भी मेंबर थे. वर्ष 1939 में गांधी जी के सीतामढ़ी आगमन पर उन्हीं के हाथों गीता भवन का शिलान्यास करवाया, जो बाद में ट्रस्ट के रूप में आज तक सामाजिक सेवा में तत्पर है. अन्य वक्ताओं ने भी सांवलिया बिहारी लाल वर्मा के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनके चरित्र को अनुकरणीय बताया. वक्ताओं में वरिष्ठ कवि रमा शंकर मिश्र, ग्रामीण चिकित्सक राष्ट्रीय मंच के प्रभारी अध्यक्ष डॉ रामाशंकर सिंह, शिक्षक बाल बोध झा, शिवेश मिश्रा, प्रियरंजन राय, सुनील कुमार झा, शैलेंद्र कुमार खिरहर आदि मुख्य थे. द्वितीय सत्र में कवि गोष्ठी का आगाज गीतकार गीतेश की रचना ””””बात-बात पर देते लोग जिनकी आज भी मिसाल है, विलक्षण व्यक्तित्व के स्वामी सच में सांवलिया बिहारी लाल हैं”””” से हुआ. सुरेश लाल कर्ण की कर्ण प्रिय रचना ””””तेरा आना भी एक छलावा था, तेरा जाना भी एक छलावा है”””” ने माहौल को जवां बना दिया. युवा कवि जयंत कृष्ण एवं बाल कवि विश्वेश मिश्रा ने भरपूर वाहवाही बटोरी. रमा शंकर मिश्र की रचना ””””कोयल री मत कूक, हूक तेरी हृदय बेध जाती है”””” ने महफिल में इंद्रधनुषी छटा बिखेर दी.

संबंधित खबर और खबरें

यहां सीतामढ़ी न्यूज़ (Sitamarhi News) , सीतामढ़ी हिंदी समाचार (Sitamarhi News in Hindi), ताज़ा सीतामढ़ी समाचार (Latest Sitamarhi Samachar), सीतामढ़ी पॉलिटिक्स न्यूज़ (Sitamarhi Politics News), सीतामढ़ी एजुकेशन न्यूज़ (Sitamarhi Education News), सीतामढ़ी मौसम न्यूज़ (Sitamarhi Weather News) और सीतामढ़ी क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर .

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version