गौरतलब है कि बीते काफी समय से दिल्ली-एनसीआर में पॉल्यूशन बेहद खराब स्तर पर रह रहा है. प्रदूषण के कारण दिल्ली में विजिबिलिटी लेबल पर भी असर पड़ा है. दिल्ली की हवा में स्मॉग की मोटी चादरें दिखाई दे रही हैं. खराब हवा के कारण लोगों को खुली जगह में भी सांस लेने में परेशानी हो रही है. कुतुब मीनार, अक्षरधाम मंदिर समेत कई और इलाकों में स्मॉग और लो विजिबिलिटी की शिकायतें आ रहा हैं.
वहीं, दिवाली में जले पटाखे और किसानों के पराली जलाने के कारण भी दिल्ली की आबोहवा बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है. बता दें, पंजाब, हरियाण यूपी और एमपी में किसानों के जलाये पराली के कारण दिल्ली की हवा बेहद खराब हो गयी है. लेकिन यहां देखने वाली बात यह है कि साल 2018 में सरकार ने पराली न जलाने के एवज में किसानों को फंड देने के बात कही थी. बीते चार सालों में सरकार ने करीब साढे 22 अरब रुपए खर्च भी किये हैं. लेकिन अरबों खर्च करने के बाद भी दिल्ली हवा में कोई सुधार नहीं हुआ है.
खराब हवा के कारण लोगों में बढ़ रहा है बिमारियों का खतरा: दिल्ली में खराब हवा के कारण लोगों में बिमारियों का खतरा बढ़ रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक खराब हवा के कारण हार्ट में स्ट्रोक, फेफड़ों का कैंसर, श्वसन संक्रमण संबेधी बिमारियों का खतरा बढ़ जाता है. वहीं, दिल्ली में वायु प्रदुषण को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है.
Posted by; Pritish Sahay