Defamation Case: निचली अदालत की कार्रवाई पर रोक का आदेश
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत की कार्रवाई पर रोक लगाने का आदेश दिया है. वहीं, कोर्ट ने शिकायतकर्ता से पूछा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री की ओर से माफी मांगने के बाद अब क्या केस बंद करना है. बता दें, इस मामले की अगली सुनवाई 11 मार्च को होगी.गौरतलब है कि हाई कोर्ट ने आपराधिक मानहानि मामले में एक आरोपी के रूप में केजरीवाल को जारी किए गए समन को बरकरार रखा था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने निचली अदालत से 11 मार्च तक सीएम केजरीवाल से जुड़े मानहानि मामले की सुनवाई नहीं करने को कहा है.
Defamation Case: दिल्ली हाईकोर्ट ने भी माना था मानहानि का केस
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल को तलब करने के निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा था. कोर्ट ने कहा था कि सीएम केजरीवाल के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर काफी फॉलोअर्स हैं और वह वीडियो को रीट्वीट करने के नतीजों को समझते हैं. अदालत ने कहा था कि अपमानजनक सामग्री को रीट्वीट करना मानहानि के जैसा है. हालांकि सीएम केजरीवाल ने उच्च न्यायालय में कहा था कि निचली अदालत इस बात को समझने में विफल रही कि उनके ट्वीट का मकसद शिकायतकर्ता विकास सांकृत्यायन को नुकसान पहुंचाना नहीं था.
Defamation Case: क्या है पूरा मामला
बता दें, यह मामला विकास सांकृत्यायन उर्फ विकास पांडे की ओर से दायर किया गया था. विकास पांडे खुद को पीएम नरेंद्र मोदी समर्थक मानते हैं. वो सोशल मीडिया के एक पेज आई सपोर्ट नरेंद्र मोदी के संस्थापक भी हैं. सांकृत्यायन ने दावा किया था कि बीजेपी आईटी सेल पार्ट II शीर्षक वाला यूट्यूब वीडियो जर्मनी में रहने वाले राठी ने प्रसारित किया गया था जिसमें कई झूठे और अपमानजनक आरोप लगाए गए थे. भाषा इनपुट के साथ.
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