टीवी9 को दिए गए इंटरव्यू में आतिशी से पूछा गया कि उन्होंने “मार्लेना,” जो कि “मार्क्स” और “लेनिन” से प्रेरित था, अपने नाम से क्यों हटा दिया. इस पर आतिशी ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में दो बार नाम बदला है. वास्तव में, उनका सरनेम “सिंह” है. उन्होंने कहा कि भारत में जाति की पहचान एक बड़ी बात है, और लोग जाति के आधार पर एक-दूसरे का आकलन करते हैं. इस कारण उन्होंने अपने नाम से “सिंह” हटा दिया था.
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आतिशी ने कहा कि “मार्लेना” उनका दूसरा नाम था, लेकिन राजनीति में आने के बाद यह नाम विवाद का कारण बन गया. उन्होंने बताया कि उनके नाम पर इतनी चर्चा होती थी कि उनके काम पर ध्यान कम दिया जाता था. उन्होंने कहा, “जब मैं राजनीति में आई, तो मेरे नाम पर ज्यादा बात होती थी और मेरे काम पर कम. हमें राजनीति से ऊपर उठकर काम की राजनीति पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है.”
आतिशी ने 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ने से पहले अपने नाम से “मार्लेना” हटा दिया था. उस समय भाजपा और अन्य विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि उन्होंने राजनीति में जाति का लाभ लेने के लिए नाम बदला है.
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यह पूछे जाने पर कि उनके पिता ने उनका नाम “मार्लेना” रखा था और क्या उन्होंने इसे बदलने के लिए उनकी सहमति ली थी, आतिशी ने संकेत दिया कि उन्होंने यह फैसला परिवार की सहमति के बिना लिया. उन्होंने कहा, “युवाओं के कौन से निर्णय होते हैं जो उनके माता-पिता की सहमति से होते हैं? युवा क्रांतिकारी होते हैं और अलग फैसले लेते हैं क्योंकि वे पिछली पीढ़ी से अलग कुछ करना चाहते हैं.” आतिशी ने जोर दिया कि दुनिया में बड़े बदलाव अक्सर युवाओं द्वारा लाए गए हैं क्योंकि वे पुरानी पीढ़ियों से कुछ नया और अलग करना चाहते हैं.
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