Delhi Pollution: दिल्ली-NCR में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को लगाई फटकार
Delhi Pollution: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली- एनसीआर में प्रदूषण को नियंत्रित करने और पराली जलाने से रोकने के लिए उठाए गए कदमों को लेकर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को बेहतर अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई गुरुवार 3 अक्टूबर को होगी.
By Pritish Sahay | September 27, 2024 8:30 PM
Delhi Pollution: दिल्ली में बढ़ते हुए प्रदूषण के बीच पराली जलाने की घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) से कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए जाने की जरूरत है कि जमीनी स्तर पर पराली जलाने के वैकल्पिक उपाय क्या हो सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि सीएक्यूएम ने कुछ कदम उठाए हैं, लेकिन उसे और अधिक सक्रिय होने की जरूरत है. कोर्ट ने कहा कि CAQM को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसके प्रयास और निर्देश वास्तव में प्रदूषण की समस्या को कम करने की दिशा में काम कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सीएक्यूएम को बेहतर अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश भी दिया है. कोर्ट ने कहा है कि इस मामले की अगली सुनवाई गुरुवार 3 अक्टूबर को होगी.
Supreme Court tells the Commission for Air Quality Management (CAQM) that efforts need to be taken to make sure that use of stubble burning alternative equipments are used at grassroots level.
Supreme Court says CAQM has taken certain steps, but needs to be more active and must… pic.twitter.com/O5lOdoXvL8
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई CAQM को फटकार सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने और फसलों के अपशिष्ट को जलाने से रोकने में असफल होने पर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की जमकर क्लास लगाई. जस्टिस एएस ओका और जस्टिस अगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि वायु गुणवत्ता समिति को और सक्रिय रूप से कार्य करने की जरूरत है. न्यायालय ने कहा कि आयोग को यह सुनिश्चित करने की कोशिश करनी चाहिए कि पराली जलाने के वैकल्पिक उपकरणों का इस्तेमाल जमीनी स्तर पर हो. बता दें, पंजाब के अमृतसर के चब्बा गांव में आज खेत में पराली जलाने की घटना हुई.
जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस अगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए गठित आयोग की ओर से उठाए गए कदमों पर असंतोष जताते हुए कहा कि सीएक्यूएम को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम, 2021 के तहत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और इसके आसपास के क्षेत्रों में अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करने की आवश्यकता है. पीठ ने कहा कि अधिनियम का बिल्कुल ही अनुपालन नहीं किया गया है. कृपया हमें एक भी निर्देश दिखाएं जो किसी हितधारक को अधिनियम के तहत जारी किया गया हो. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारा मानना है कि आयोग ने कदम उठाए हैं लेकिन उसे और सक्रिय होने की जरूरत है. आयोग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसकी कोशिशें और उसके द्वारा जारी निर्देश प्रदूषण की समस्या को कम करे. भाषा इनपुट के साथ