गांधी के अहिंसक हथियारों सत्याग्रह और अहिंसा से ही विश्व की समस्याओं से मुक्ति मिल सकेगी : कुमार प्रशांत

Hindu College : गांधीजी को बहुत विरोधों का सामना भी करना पड़ा लेकिन उन्होंने संवाद के माध्यम से लाखों लोगों को अपने साथ कर लिया. गुलामी तब आती है जब हमारे समाज की एकता नहीं होती. छुआछूत जैसी विकृति हमारी एकता को तोड़ती है जिसके लिए गांधी जी ने बड़ा संघर्ष किया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 24, 2025 10:14 PM
an image

Hindu College : मनुष्य की अनन्त संभावनाओं को कोई नहीं जानता. गांधी का रास्ता इन संभावनाओं को जानने और इनके लिए प्रयास करते रहने से बनता है. गांधी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष कुमार प्रशांत ने हिंदू कालेज द्वारा राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा आयोजित सात दिवसीय विशेष शिविर के समापन सत्र में कहा कि दक्षिण अफ्रीका में गांधी ने जिन हथियारों की खोज की और लड़ाई जीती ऐसे अहिंसक हथियारों सत्याग्रह और अहिंसा से ही आज के विश्व की समस्याओं से मुक्ति मिल सकेगी. उन्होंने चंपारण सत्याग्रह की घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां सत्याग्रह के दौरान स्कूल खोलकर भय मुक्ति की शिक्षा दी. किसानों से उनकी आपबीती सुनाने के लिए कहा और उन्हें दर्ज करवाया. उन्होंने कहा कि गांधी विचार आज भी भय मुक्त बनाता है.

गांधीजी को बहुत विरोधों का सामना भी करना पड़ा लेकिन उन्होंने संवाद के माध्यम से लाखों लोगों को अपने साथ कर लिया. गुलामी तब आती है जब हमारे समाज की एकता नहीं होती. छुआछूत जैसी विकृति हमारी एकता को तोड़ती है जिसके लिए गांधी जी ने बड़ा संघर्ष किया. उन्होंने गांधी जी द्वारा चलाए गए छोटे बड़े सभी आंदोलनों के बारे में बताते हुए कहा कि गांधीजी के लेखन को ध्यान से पढ़ना चाहिए क्योंकि उनके पास हमारे जीवन और समाज की व्याधियों के सभी जवाब हैं. सत्र में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए प्रतिष्ठान के सचिव अशोक कुमार ने कहा कि गांधी युवाओं के लिए आज भी प्रेरणास्रोत हैं जिनके विचार को अपना कर विश्व शांति और समता प्राप्त कर सकेगा.

इससे पहले राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ पल्लव ने विषय प्रस्तावना में कहा कि सेवा और गांधी दर्शन विषय केंद्रित सात दिवसीय शिविर में स्वयं सेवकों द्वारा गांधी दर्शन से जुड़े अनेक कार्य किए गए हैं. उन्होंने कहा कि गांधी देश को औपनिवेशिक मुक्ति ही नहीं दिलाना चाहते थे अपितु उनका आंदोलन मुक्ति के व्यापक आशय वाला था.
समापन सत्र के संयोजक जितिशा जिया, चांदनी सक्सेना और युवराज सिंह थे. वहीं विषय विशेषज्ञों से कुणाल, साक्षी गोविंद, प्रकाम्य, नेहा ने सवाल पूछे.शिविर में आयोजित गतिविधियों का प्रतिवेदन नेहा यादव ने प्रस्तुत किया. इससे पहले शिविर के अंतर्गत इंडिया गेट के समीप चल रहे भारत लोकोत्सव एवं पुस्तक मेले में स्वयं सेवकों ने भागीदारी की और वहां की गतिविधियों में शामिल रहे. समापन समारोह के अंत में आयुषी ने आभार प्रदर्शित किया.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

 

 

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version