दिल्ली में बनेगा ‘पूर्वांचल मंत्रालय’, कांग्रेस ने चुनाव से पहले किया बड़ा वादा

Congress Party: दिल्ली चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी ने कमर कस ली है. पार्टी की नजर इस बार पूर्वांचली वोटर्स पर है.

By Ayush Raj Dwivedi | January 24, 2025 7:04 PM
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Congress Party: दिल्ली विधानसभा चुनावों के बीच राजनीतिक दलों ने मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए नए-नए वादे कर रही है. कांग्रेस पार्टी ने इस बार पूर्वांचल के मतदाताओं को लुभाने के लिए एक बड़ा दांव चला है. कांग्रेस ने ऐलान किया है कि यदि पार्टी दिल्ली में सत्ता में आई तो पूर्वांचल के लोगों के लिए एक अलग मंत्रालय बनाया जाएगा. इस मंत्रालय का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य, शिक्षा, और अन्य समस्याओं का समाधान करना होगा. कांग्रेस के मुताबिक, इसके तहत पूर्वांचल के लोगों के लिए एक अलग बजट भी निर्धारित किया जाएगा, ताकि उनकी परेशानियों का जल्दी समाधान हो सके.

बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने किया बड़ा ऐलान

बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए भाजपा और आम आदमी पार्टी (AAP) पर निशाना साधा है. उन्होंने आरोप लगाया कि AAP और भाजपा चुनावी वादों को चुनाव खत्म होते ही भूल जाते हैं, खासकर जब बात अनियमित कॉलोनियों को नियमित करने की होती है. इसके अलावा, डॉ. अखिलेश ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पूर्वांचल के लोगों का अपमान करते हुए कहा था कि वे 500 रुपये का टिकट कटाकर आते हैं और 5 लाख रुपये का इलाज करा कर चले जाते हैं. वहीं, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा पर भी आरोप लगाया कि वे पूर्वांचल के लोगों की तुलना बांग्लादेशी घुसपैठियों से करते हैं.

सत्ता की चाबी पूर्वांचली वोटर के हाथ में

दिल्ली के चुनाव में लगभग डेढ़ करोड़ मतदाता हैं. इसमें से पूर्वांचली वोटरों की संख्या 40-45 लाख के आसपास है. 70 विधानसभाओं में से 17 विधानसभा पूर्वांचली बहुत है. इन विधानसभाओं में जीत हार का फैसला पूर्वांचली वोटर ही करते हैं. इन विधानसभा क्षेत्रों में पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के 40 से 50 फीसदी मतदाता है. विकासपुरी, मटियाला, द्वारका, करावल नगर, मॉडल टाउन,  बुराड़ी, सीमापुरी, बादली, नागलोई, उत्तम नगर, किराड़ी, पटपड़गंज, लक्ष्मी नगर, बदरपुर, पालम, संगम विहार, राजेंद्र नगर, देवली आदि में पूर्वाचली वोटरों की संख्या अधिक है. पिछली बार इन क्षेत्रों में आप को इन मतदाताओं का समर्थन मिला था, लेकिन इस बार भाजपा आप के पूरे समीकरण को बदलने की दिशा में काम कर रही है.

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