चाईबासा. आदिवासी किसान-मजदूर पार्टी के बैनर तले ग्रामीणों ने मंगलवार को जुलूस निकालकर थाली-कटोरा लेकर पुराना उपायुक्त कार्यालय चाईबासा के समक्ष नंग-धड़ंग धरना-प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने गांव का विकास, बेरोजगारों को रोजगार देने व पलायन रोकने की मांग की. पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष जॉन मिरन मुंडा ने कहा कि पश्चिमी सिंहभूम जिला धनी है. इसके लोग गरीब हैं. यहां टाटा, रुंगटा व एसीसी जैसी बड़ी-बड़ी कंपनियां हैं. यहां स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है. कृषि के लिए सिंचाई सुविधा नहीं है. आदिवासी युवा पलायन करने को विवश हैं. झारखंड बने 25 साल हो गये. नेता व अफसर मालामाल हो रहे हैं. हमारी मांग है कि निजी कंपनियों में स्थानीय लोगों से काम लिया जाये. सड़क व बिल्डिंग निर्माण कार्य में मुर्शिदाबाद के मजदूरों से काम नहीं लिया जाये. डीएमएफटी फंड या सीएसआर फंड से नदी नालों को बांधकर सालभर सिंचाई सुविधा दिलायी जाये. इससे पलायन के 90 प्रतिशत मामलों पर रोक लग जायेगी. डीएमएफटी फंड में लूट हो रही है. पार्टी के जिला अध्यक्ष सह जगन्नाथपुर प्रखंड के जिला परिषद सदस्य मानसिंह तिरिया ने कहा कि कंपनियां 20 किलोमीटर दूर से पानी लेकर खदान चला रही हैं. वहीं, प्रभावित किसानों को सिंचाई सुविधा नहीं मिल रही है. धरना में सुनील गागराई, चुंबरु पिंगुवा आदि ने संबोधित किया. धरना के बाद प्रतिनिधिमंडल ने कोल्हान प्रमंडल के नाम सचिव को ज्ञापन सौंपा.
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