चक्रधरपुर. शहर के पंप रोड स्थित पद्मावती जैन सरस्वती शिशु विद्या मंदिर (इंग्लिश मीडियम ) में वेद व्यास जयंती सह गुरु पूर्णिमा उत्सव हर्षोल्लास से मनाया गया. सर्वप्रथम विद्यालय प्रबंध कारिणी समिति की उपाध्यक्ष दमयंती नाग एवं प्रधानाचार्य आनंद चंद्र प्रधान ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया. मौके पर आनंद प्रधान ने कहा कि व्यास जी ने ही वेद एवं महाभारत की रचना की है. महर्षि वेदव्यास का संक्षिप्त जीवन परिचय देते हुए कहा कि वेदव्यास जिन्होंने वेदों को चार भागों में विभक्त किया. 18 पुराण एवं महाभारत जैसे ग्रंथों की रचना की. उनकी जयंती को ही हम गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाते हैं. भारतीय परंपरा में गुरु का स्थान सर्वोच्च है. जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में गुरु की आवश्यकता पड़ती है. कहा कि गुरु का शाब्दिक अर्थ होता है जो अंधकार रूपी अज्ञान को ज्ञान रूपी प्रकाश से आलोकित करता है. विद्यालय समिति द्वारा इस पावन अवसर पर आचार्यों व कर्मचारियों को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का संचालन सौभिक घटक ने किया. मौके पर जयश्री दास, शांति देवी, निशा स्वास्तिक सोय, भारती कुमारी, चांदनी जोंको, जयंती तांती एवं काफी संख्या में अभिभावक एवं भैया- बहन उपस्थित थे.
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