चाईबासा. कोल्हान प्रमंडल मुख्यालय चाईबासा का दादा-दादी पार्क अपने हाल पर रो रहा है. बंदोबस्ती नहीं होने से देखरेख के अभाव में पार्क वीरान पड़ा है. साफ-सफाई नहीं होने से गंदगी पसरी है. आसपास के लोग सुबह-शाम सैर नहीं कर पा रहे हैं. उन्हें सुकून के लिए भटकना पड़ रहा है. पूर्व में लोग पार्क में सुबह-शाम मुलायम घास पर सैर के लिए पहुंचते थे. उनके साथ बच्चों की टोलियां पहुंचती थीं. बच्चे पार्क में झूले का आनंद लेते थे. थक जाने पर पार्क में बनीं सीमेंट की कुर्सियों पर सुस्ताते थे. अब पार्क उजाड़ हो गया है. ऐसे में पार्क में न दादा- दादी के कदम पड़ रहे हैं, न बच्चों की मस्ती दिखती है. करीब आठ वर्ष पूर्व करीब 99 लाख रुपये से पार्क बना था. फिलहाल यहां मुर्गियां घूम रही हैं.
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