संवाददाता, चाईबासा नौकरी और बिजनेस करते हुए समाज की परंपरा और संस्कृति से जुड़ें रहें. उक्त संदेश आदिवासी हो समाज युवा महासभा ने समाज के युवाओं को दिया. शनिवार को महासभा के कला एवं संस्कृति भवन हरिगुटू में कार्यक्रम किया गया. यहां लगभग पांच वर्षों से हो भाषा-भाषी के विद्यार्थियों को भाषा-संस्कृति, परंपरा और रीति-रिवाज से जोड़ा जा रहा है. युवा महासभा के राष्ट्रीय महासचिव गब्बरसिंह हेम्ब्रम ने विद्यार्थियों को संदेश दिया कि महासभा के राष्ट्रीय धर्म सचिव सोमा जेराई के नेतृत्व में कोचिंग क्लास के रूप में कार्यक्रम जारी है. मागे-पर्व, बा पर्व, हेरोः पर्व और जोमनामा पर्व सहित जन्म, विवाह और मृत्यु संस्कार जैसे रीति-रिवाज व परंपरा के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी जा रही है. गब्बरसिंह ने बताया कि प्रतियोगी परीक्षाओं के नाम पर सीखने के साथ-साथ गांव में व्यवहार में लायें. अपने साथ अन्य युवाओं को प्रेरित करें. संस्कारों को जीवन में लाना हमारी पहचान : महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष इपिल सामड ने विद्यार्थियों से कहा कि पर्व-त्योहार के साथ हो समाज का जन्म, विवाह और मृत्यु के संस्कारों को व्यावहारिक जीवन में लाना हमारी पहचान है. सोमा जेराई के नेतृत्व में आगे भी सामाजिक कार्यक्रम के तहत शैक्षणिक भ्रमण और सांस्कृतिक-धार्मिक व ऐतिहासिक स्थलों का विजिटिंग कार्यक्रम चलते रहेंगे. इस अवसर पर आदिवासी हो समाज युवा महासभा के जिला सचिव ओएबन हेम्ब्रम, सदर अनुमंडल सचिव आशीष तिरिया, पूर्व अनुमंडल सचिव सिकंदर तिरिया, सरिता लागुरी, बसंती पाड़ेया, शकुंतला गुईया, ननिका सिंकू, टाटाराम सामड, प्रमिला बिरुवा, यशवन्ती सिंकू व सुशीला सिंकू आदि उपस्थित थीं.
संबंधित खबर
और खबरें