बुंडू. पिछले 22 दिनों से लगातार हो रही बारिश से बुंडू क्षेत्र के लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. लगातार बारिश के कारण किसानों ने धान की बीज की खेत में बुवाई नहीं कर पाये हैं. खेत सूखने का नाम नहीं ले रहा है. जिस कारण किसान अपने खेतों में धान बीज नहीं डाल पाये हैं. आषाढ़ महीना और रथ मेला के समय से किसान धान की रोपनी शुरू कर देते हैं. लगातार बारिश के कारण धान बीज के पौधे तैयार नहीं हो पाये. जानकारी के मुताबिक प्रति वर्ष सूखे खेतों में ही धान बीज किस डालते हैं, लेकिन इस वर्ष हालत ऐसी रही कि पिछले 15-20 दिनों से खेत सूख ही नहीं पाया. अब तक मात्र 10 फीसदी ही खेतों में किसान धान बीज डाल पाये हैं. इधर हरी सब्जी खेती भी बारिश के कारण चौपट हो गयी है. कद्दू, करेला, भिंडी, टमाटर एवं अन्य हरी सब्जी की खेती पानी में डूबी है. किसान खेत से सब्जी नहीं निकाल पा रहे हैं. इधर हरी सब्जी चौपट होने के कारण बाजार में हरी सब्जी की कीमत बढ़ने लगी है. जामटोला के किसान उत्तम कुमार महतो और कन्हाई लाल सिंह मुंडा बताते हैं कि दो एकड़ में कद्दू और नेनुआ खेती की थी. खेत में पानी भर गया जो चौपट हो गया. रेलाडीह गांव के निवासी नंदकिशोर महतो ने एक एकड़ में नेनुआ और करेला की खेती की है. खेत में पानी भरने से यह पूरी तरह नष्ट हो गया है. बघाड़ीह गांव अजीत महतो, शिवनाथ लोहार ने बताया हाइब्रिड भिंडी व कद्दू की डेढ़ एकड़ में खेती की थी. जिसकी क्षति हो गयी है. दलकड़ीह गांव के निवासी धनेश्वर महतो, प्रदीप महतो, शंकर मुंडा, सनातन लोहार, दिनेश कोईरी, लाल कोईरी आदि किसानों की भी हरी सब्जी की खेती चौपट हो गयी है.किसानों ने सरकार से मुआवजा की मांग की है.
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