प्रतिनिधि, तोरपा
एक वर्षीय बच्ची को खरोंच तक नहीं आयी :
वज्रपात की घटना के समय बसंती की बेटी लुसिया भी वहीं पर थी, परन्तु वज्रपात की घटना में उसे खरोंच तक नहीं आयी. वह बाल-बाल बच गयी. बसंती के नहीं रहने से दो बच्चों के सिर से मां का साया उठा गया. बसंती का एक बेटा व एक बेटी है. बेटी एक वर्ष से भी छोटी है. बसंती की मौत के बाद उसके पिता उसे बोतल से दूध पीला रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है