खूंटी. अंतर्राष्ट्रीय सिकल सेल दिवस के अवसर पर गुरुवार को सदर अस्पताल में जन-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत परियोजना निदेशक आईटीडीए आलोक शिकारी कच्छप और सिविल सर्जन डॉ नागेश्वर मांझी ने किया. इस अवसर पर परियोजना निदेशक आईटीडीए आलोक शिकारी कच्छप ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप सिकल सेल एनीमिया की जांच सुनिश्चित करें. जिससे इस गंभीर बीमारी की समय रहते पहचान और उपचार संभव हो सके. सिविल सर्जन डॉ नागेश्वर मांझी ने बताया कि सिकल सेल एनीमिया एक वंशानुगत रक्त विकार है, जो हीमोग्लोबिन को प्रभावित करता है. इस बीमारी में मरीज को सीने में दर्द, अत्यधिक थकान, हाथ-पैरों में दर्द व सूजन, सांस लेने में कठिनाई तथा गहरे रंग का मूत्र जैसे लक्षण दिखाई देते हैंं. नोडल पदाधिकारी और अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रजनी नीलम टोप्पो ने कहा कि जिले भर में सहिया, आंगनबाड़ी सेविका, एएनएम आदि के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जाएगा. इसमें बैनर, पोस्टर, दीवार लेखन, रथ यात्रा और रैली के जरिये ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लोगों को सिकल सेल एनीमिया के प्रति सजग किया जाएगा. विशेष रूप से महिलाओं को इसकी जांच के लिए प्रेरित किया जाएगा और विभिन्न स्तरों पर स्क्रीनिंग की व्यवस्था भी की जाएगी. इस अवसर पर जिला कुष्ठ पदाधिकारी डॉ. विजय किशोर रजक, डॉ. नमिता टोप्पो, डीपीएम काननबाला तिर्की, डीपीसी डॉ. उदयन शर्मा, डीएएम विकास कुमार सिंह, प्रधान लिपिक सुनीता दास सहित अन्य उपस्थित थे.
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