प्रतिनिधि, कर्रा, तोरपा
घर के एकलौते चिराग थे सुनील
सरहुल में आये थे गांव :
गांव की मनीषा होरो बताती हैं कि सुनील धान उनके चाचा ससुर थे. 24 मार्च को सरहुल के मौके पर गांव आये थे. गांव वालों के साथ खूब नाच-गान किया गया. सुनील जब भी गांव आते थे सबसे मिलते जुलते थे. दो दिन गांव में रहने के बाद वापस ड्यूटी लौट गये थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है