तोरपा. कोयल कारो जनसंगठन द्वारा कोयल कारो पनबिजली परियोजना के विरोध में शनिवार को तपकारा में संकल्प सभा का आयोजन किया गया. सभा के पूर्व विभिन्न गांव से आये लोगों ने शहीद स्थल पर तपकारा गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि दी. संकल्प सभा में झारखंड आंदोलनकारी तथा झारखंड उलगुलान संघ के संयोजक अलेस्टेयर बोदरा ने कहा कि कोयल कारो जन संगठन की अगुवाई में डूब क्षेत्र के ग्रामीणों ने विस्थापन के खिलाफ जो एकता और ताकत दिखायी थी, वह पूरी दुनिया के लिए उदाहरण है. यह आंदोलन सिर्फ विस्थापन के खिलाफ नहीं था, बल्कि झारखंडी अस्तित्व, अस्मिता, पहचान, परंपरा, संस्कृति व व्यवस्था को सुरक्षित रखने के लिए भी था. यह आंदोलन सीएनटी एक्ट तथा पांचवीं अनुसूची के प्रावधानों को बल प्रदान करने का भी रहा है. उन्होंने कहा कि हमें पूर्वजों के बलिदान को भूलना नहीं है, बल्कि उनके बताये संघर्ष के रास्ते पर चलना है. क्योंकि पूर्वजों के बताये मार्ग पर चल कर ही आबुआ दिशुम आबुआ राज की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है. उन्होंने जनहित में कोयलकारो परियोजना को सदा के लिए बंद करने की मांग की. जनसंगठन के उपाध्यक्ष जॉन जुरसेन गुड़िया ने कोयल कारो जनसंगठन के आंदोलन के इतिहास की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि कोयलकारो जनसंगठन का आंदोलन अपनी माटी, गांव व संस्कृति को बचाने का आंदोलन है. जनसंगठन के मसीहदास गुड़िया ने कहा कि कोयलकारो परियोजना से क्षेत्र का भला नहीं हो सकता है. इस परियोजना को रद्द करना ही होगा. सभा में कोयल कारो जनसंगठन के सदस्यों ने परियोजना को रद्द कर सरकारी गजट में प्रकाशित करने तक आंदोलन जारी रखने का संकल्प लिया. सभा को धनकुंवर गुड़िया, ज्योत्स्ना तिर्की, जयराम गुड़िया, नेली डहंगा, दुलार कंडुलना, बेनिदिक नवरंगी आदि ने भी संबोधित किया. मौके पर पुष्पा गुड़िया, रेजन गुड़िया, जीवन हेमरोम आदि उपस्थित थे. सभा की अध्यक्षता पड़हा राजा हाबिल गुड़िया ने की तथा संचालन विनय गुड़िया ने किया.
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