Sawan 2025: झारखंड का मिनी बाबा धाम, जहां सावन में उमड़ती है आस्था, शंकराचार्य ने किया था नामकरण

Sawan 2025: झारखंड के खूंटी जिले के तोरपा प्रखंड में बाबा आम्रेश्वर धाम है. लोग श्रद्धा से इसे झारखंड का मिनी बाबा धाम कहते हैं. सावन में यहां बाबा के जलाभिषेक को लेकर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है. वर्ष 1979 में जगतगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने शिवलिंग का नामकरण किया था. भक्तों की मान्यता है कि यहां जलार्पण करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

By Guru Swarup Mishra | July 21, 2025 6:05 AM
an image

Sawan 2025: तोरपा (खूंटी), सतीश शर्मा-खूंटी जिले के तोरपा प्रखंड स्थित बाबा आम्रेश्वर धाम को लोग श्रद्धा से झारखंड का मिनी बाबा धाम कहते हैं. यह पवित्र स्थल न केवल एक स्वयंभू शिवलिंग का धाम है, बल्कि यह शिवभक्तों की आस्था का केंद्र भी है. सावन में लाखों श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए यहां पहुंचते हैं. इस धार्मिक परिसर में केवल शिवलिंग ही नहीं, बल्कि भगवान गणेश, माता पार्वती, भगवान राम, हनुमानजी, राधाकृष्ण, मां दुर्गा, माता काली और शनिदेव के मंदिर भी हैं.

ऐसे नाम पड़ा बाबा आम्रेश्वर धाम


पहले यह शिवलिंग अंगराबाड़ी क्षेत्र की घनी झाड़ियों के बीच एक आम के पेड़ के नीचे स्थित था. वर्ष 1979 में जगतगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी यहां से गुजर रहे थे. उन्हें जब इस शिवलिंग की जानकारी मिली, तो उन्होंने यहां रुककर पूजा की और इस स्थल का नाम ‘बाबा आम्रेश्वर धाम’ रखा. यहीं से इस पावन स्थल को नयी पहचान मिली. बाद में वर्ष 1988-89 में एक वज्रपात के बाद वह आम का पेड़ नष्ट हो गया और उसकी जगह पर एक विशाल बरगद का वृक्ष उग आया, जो आज भी मौजूद है.

ये भी पढ़ें: भगवान शिव के अनोखे भक्त, सावन पूर्णिमा को 35 फीट ऊंचे खूंटे पर खड़े होकर करते हैं आराधना, कौन हैं खूंटा बाबा?

बस मालिक को मिला शिवलिंग का संकेत


धाम से जुड़ी एक और दिलचस्प कथा स्थानीय लोग साझा करते हैं. बताया जाता है कि 1960 के दशक में एक यात्री बस आर साहु नामक व्यक्ति द्वारा संचालित होती थी, जो यहां बार-बार खराब हो जाया करती थी. एक बार बस खराब होने पर आर साहु स्वयं यहां रुके और रात में उन्हें स्वप्न में झाड़ियों के बीच शिवलिंग के होने का संकेत मिला. सुबह उन्होंने सफाई करवायी तो वास्तव में शिवलिंग प्रकट हुआ. तभी से यह स्थान शिवभक्तों की श्रद्धा और भक्ति का केंद्र बन गया.

52 वर्षों से कमेटी कर रही देखभाल


धाम की देखरेख बाबा आम्रेश्वर धाम प्रबंध समिति करती है. यह पिछले 52 वर्षों से सक्रिय है. समिति के महामंत्री मनोज कुमार बताते हैं कि इसका निबंधन झारखंड राज्य हिंदू धार्मिक न्यास परिषद के तहत हुआ है. सावन सहित वर्षभर यहां धार्मिक आयोजन होते हैं और समिति यात्रियों की सुविधाओं का भी ध्यान रखती है.

सावन में लगता है श्रद्धालुओं का मेला


सावन के पावन महीने में आम्रेश्वर धाम में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ता है. झारखंड के विभिन्न जिलों के साथ-साथ बिहार, बंगाल और ओडिशा से भी श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. भक्तों की मान्यता है कि यहां जलार्पण करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

श्रद्धालु कैसे पहुंचें बाबा आम्रेश्वर धाम?


बाबा आम्रेश्वर धाम खूंटी जिला मुख्यालय से 10 और रांची से 47 किमी दूर है. वर्तमान में पेलोल नदी पर पुल के टूट जाने से यहां पहुंचने के लिए खूंटी वाया कुंजला, जूरदाग होकर पहुंचा जा सकता है. रांची से आने वाले श्रद्धालु तुपुदाना रिंग रोड से सीधे डाहू, सौदाग, जुरदाग होते हुए अंगराबाड़ी या लोधमा से जुरदाग होते हुए अंगराबाड़ी पहुंचा जा सकता है.

ये भी पढ़ें: Maha Rudrabhishek: रांची के इस मंदिर में महारुद्राभिषेक, बाबा भोलेनाथ के जयघोष से हुआ शिवमय

संबंधित खबर और खबरें

यहां खूंटी न्यूज़ (Khunti News) , खूंटी हिंदी समाचार (Khunti News in Hindi), ताज़ा खूंटी समाचार (Latest Khunti Samachar), खूंटी पॉलिटिक्स न्यूज़ (Khunti Politics News), खूंटी एजुकेशन न्यूज़ (Khunti Education News), खूंटी मौसम न्यूज़ (Khunti Weather News) और खूंटी क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर .

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version