खूंटी. खूंटी-तोरपा पथ में बनई नदी में बने पेलौल पुल के क्षतिग्रस्त होने और अब अस्थायी डायवर्सन के बह जाने के बाद मामला सुर्खियों में है. रविवार को खूंटी के पूर्व विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने क्षतिग्रस्त पुल और डायवर्सन का निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि जिस आशा और विश्वास से खूंटी जिले की जनता ने खूंटी और तोरपा में अपना प्रतिनिधि चुना था, उसमें ये जनप्रतिनिधि खरा नहीं उतर रहे हैं. जिस प्रकार से चट से बोले और पट से डायवर्सन बना, उसी प्रकार खटाखट बह भी गया. इससे भ्रष्टाचार की बू आ रही है. उन्होंने कहा कि विभाग के अधिकारी की देखरेख में डायवर्सन बना. टेंडर से पूर्व ही कार्य शुरू कर दिया गया. अधिकारियों को लगा था कि बना कर टेंडर का निर्धारण होगा. डायवर्सन के बह जाने पर अधिकारी कह रहे हैं कि उन्हें जानकारी नहीं है कि डायवर्सन किसने बनाया. उन्होंने कहा कि अधिकारी टेंडर की प्रक्रिया को जल्द पूरा कर काम शुरू करें. विभाग और यहां के जनप्रतिनिधि में जानकारी का अभाव है. अधिकारी और जनप्रतिनिधि ने यहां आकर शिलान्यास कर दिया. पूर्व विधायक ने कहा कि अपने विधायक कार्यकाल में 15-16 पैकेज में 65 से 70 सड़कों की स्वीकृति करायी थी. जिसका टेंडर और शिलान्यास हो गया था, लेकिन अब तक काम शुरू नहीं हुआ है. छह पुलों का भी शिलान्यास कराया था. उन्होंने कहा कि पेलौल पुल बेहद महत्वपूर्ण पुल है. वहां भी डायवर्सन बह गया. विभाग सही से निगरानी नहीं रख रहा है. उन्होंने कहा कि उनके समय में जो सड़कें बनी थी, आज वही सड़कें काम आ रही है. पूर्व विधायक ने कहा कि पेलौल पुल के क्षतिग्रस्त होने से आम्रेश्वर धाम जाने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि यहां के जनप्रतिनिधि क्षेत्र के लोगों के लिए गंभीर नहीं है. उन्हें यहां की समस्याओं को देखते हुए गंभीरता दिखानी चाहिये. मौके पर पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष काशीनाथ महतो, प्रियंक भगत सहित अन्य उपस्थित थे.
संबंधित खबर
और खबरें