16वीं सदी के सिंड़ी महादेव का है पुरातात्विक महत्व

प्रखंड की फटका पंचायत के सिंड़ी गांव में स्थित प्राचीन शिवलिंग लोगों की श्रद्धा व भक्ति का केंद्र तो है ही, इसका अपना पुरातात्विक महत्व भी है.

By SATISH SHARMA | July 15, 2025 8:12 PM
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सतीश शर्मा, तोरपा. प्रखंड की फटका पंचायत के सिंड़ी गांव में स्थित प्राचीन शिवलिंग लोगों की श्रद्धा व भक्ति का केंद्र तो है ही, इसका अपना पुरातात्विक महत्व भी है. यह शिवलिंग 16वीं शताब्दी का बताया जाता है. पुरातात्विक महत्व वाला स्थल फिलहाल उपेक्षित है. दुर्गम क्षेत्र होने तथा यहां तक पहुंचने का समुचित मार्ग नहीं होने के कारण बहुत कम लोग यहां पहुंच पाते हैं. अधिकतर लोगों की नजरों से ओझल है यह स्थल.

कारो व बनई नदी के संगम में स्थित है :

काली गाय के दूध से होता है अभिषेक :

स्थानीय लोग बताते हैं कि सिंड़ी महादेव के शिवलिंग को लेकर ऐसी मान्यता है कि आषाढ़ महीने में जब तक किसी काली गाय के दूध से शिवलिंग का अभिषेक नहीं होता था, तब तक बारिश शुरू नहीं होती है. जैसे ही शिवलिंग का दुग्धाभिषेक होता है बारिश शुरू हो जाती है. सिंड़ी के मसकलन बोदरा बताते हैं कि यह परंपरा आज भी जिंदा है. गांव पाहन भौआ बोदरा ने इस वर्ष भी सावन माह शुरू होने के पूर्व शिवलिंग का काली गाय के दूध से अभिषेक किया है. उसके बाद से बारिश शुरू हो गयी है.

पुरातत्व विभाग की टीम ने किया था दौरा

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स्लगतोरपा की फटका पंचायत के दुर्गम क्षेत्र में अवस्थित देवस्थल की अपार है महिमाB

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