शिव भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है चंदवारा का बैकुंठधाम

चंदवारा प्रखंड के पुतो गांव स्थित दोमुहानी नदी तट पर स्थित शिव मंदिर लोगों के लिए आस्था का प्रतीक है.

By ANUJ SINGH | July 14, 2025 8:45 PM
feature

चंदवारा. चंदवारा प्रखंड के पुतो गांव स्थित दोमुहानी नदी तट पर स्थित शिव मंदिर लोगों के लिए आस्था का प्रतीक है. कभी छोटे स्वरूप में दिखनेवाला यह स्थल आज भव्य रूप धारण कर चुका है़ इस मंदिर की भव्यता देखते ही बनती है. यहां दूर-दराज से भक्त पूजा-अर्चना के लिए आते हैं. मंदिर के आसपास की प्राकृतिक सुंदरता भी देखने लायक है़ पवित्र श्रावण मास में मंदिर की खूबरसूरती में चार चांद लग जाती है. पूरे सावन माह यहां अखंड कीर्तन का आयोजन होता है. सावन पूर्णिमा के दिन भंडारा के साथ कीर्तन का समापन होता है. चंदवारा के पूतो में स्थित यह शिव मंदिर दो मुहानी बैकुंठधाम के नाम से विख्यात है. मान्यता है कि यहां भोले बाबा का आशीर्वाद लेने से नि:संतान दंपती की मनोकामना पूरी होती है. 60 दिनों तक धरना के साथ गाना बजाना कर श्रद्धालु भगवान को खुश करते हैं, तो आंगन में किलकारियां गुंजने लगती है. मानसिक रोगी व शारीरिक पीड़ा से परेशान भक्त भी यहां आती हैं. बताया जाता है कि पूजा स्थल का चयन 1972 ईं में झरिया देवी ने कलश रखकर किये थे. वहीं बैकुंठ धाम का निर्माण रेवल कुम्हार व भागू यादव ने किया था. धाम में झारखंड के अलावा बिहार व ओड़िशा के श्रद्धालु भी पहुंचते हैं. ये देवी-देवता हैं विराजमान: बैकुंठ धाम में भगवान शंकर, मां पार्वती, माता चामुंडा, माता कालीका, माता संतोषी, भगवान राम सीता, मां दुर्गा सहित अन्य देवी देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित है़ं मंदिर परिसर के गेट पर भोले बाबा का विराट व ऊंची प्रतिमा सबको आकर्षित करती है़ यहां बैठने के लिए पर्याप्त सुविधाएं, छोटा पार्क का स्वरूप भी अलग दिखता है़ मंदिर के गर्भ गृह में निश्चित समय पर ही सुबह व शाम में कुछ घंटे के लिए ही आम लोगों को पूजा-अर्चना करने की अनुमति है़ यहां प्रतिदिन दर्जनों लोग मन्नतें मांगने पहुंचते हैं. सावन माह में यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है. उत्तरवाहिनी नदी में करते हैं स्नान ध्यान बैकुंठधाम के पास दो मुहानी उत्तरवाहिनी नदी की जल धारा है़ इसमें स्नान ध्यान करने दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं. धाम के प्रधान पुजारी सुधेशवर प्रजापति हैं. स्थानीय लोगों की मानें, तो वे सिर्फ फलाहार करते हैं. अन्न ग्रहण नहीं करते़ मंदिर में प्रत्येक दिन भोले शंकर व देवी देवताओं को भोग लगाकर प्रसाद वितरित किया जाता है़

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

संबंधित खबर और खबरें

यहां कोडरमा न्यूज़ (Koderma News) , कोडरमा हिंदी समाचार (Koderma News in Hindi), ताज़ा कोडरमा समाचार (Latest Koderma Samachar), कोडरमा पॉलिटिक्स न्यूज़ (Koderma Politics News), कोडरमा एजुकेशन न्यूज़ (Koderma Education News), कोडरमा मौसम न्यूज़ (Koderma Weather News) और कोडरमा क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर .

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version