मरकच्चो. सीटू सहित 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर मजदूर विरोधी लेबर कोड के खिलाफ और न्यूनतम 26 हजार वेतन, पेंशन व ग्रेच्यूटी सहित 17 सूत्री मांगों को लेकर नौ जुलाई को देशव्यापी हड़ताल की सफलता के लिए सीटू ने अभियान तेज कर दिया है. प्रखंड स्तर पर बैठकों का दौर जारी है. गुरुवार को राज्य आंगनबाड़ी सेविका सहायिका यूनियन (सीटू) के बैनरतले मरकच्चो में प्रखंड परिसर स्थित पंचायत भवन के बाहर सेविका सहायिकाओं की बैठक हुई. इसमें परियोजना अंतर्गत सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में पूर्ण तालाबंदी कर हड़ताल को सफल करने का निर्णय लिया गया. अध्यक्षता प्रखंड सचिव बेबी ने की. सीटू के राज्य सचिव संजय पासवान ने कहा कि चार श्रम संहिता (लेबर कोड) के माध्यम से काम के निर्धारित घंटे, ट्रेड यूनियन अधिकार, हड़ताल का अधिकार, यूनियनों की मान्यता, न्यूनतम वेतन, पीएफ, पेंशन, बोनस जैसे अधिकारों से वंचित कर देगा. वहीं आंगनबाड़ी की बुनियादी मांगों के साथ एफआरएस जो सेविकाओं के लिए गले की हड्डी बन गयी है. इसके तहत आंगनबाड़ी सेविकाओं का शोषण और उत्पीड़न हो रहा है. इसके खिलाफ आंगनबाड़ीकर्मियों को एकजुट होकर नौ जुलाई की हड़ताल को सफल बनाना होगा. कर्मचारी नेता दिनेश रविदास ने कहा कि मोदी सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ मजदूर-कर्मचारियों को एक साथ सड़क पर उतरना होगा. मौके पर नीलम यादव, सरिता, विमला कुमारी, सरस्वती देवी, आशा देवी, सुनीता वर्णवाल, नुसरत बानो, ममता, मुन्नी, वीणा वंदना, किरण, अहिल्या, पंकज, अंजु, रीना पांडेय, अर्चना, शर्मिला, कुसुम, चिंतामणी, किरण, संगीता, मुनीता, शकुंतला, बबीता, भारती विभूति, अनुराधा, शारदा, संगीता, किरण साहू, प्रीति, गीता, सुषमा, कुसुम, मीना, दयमंती, ललिता, गुड़िया, शांति हांसदा, सुनीता, फुलवंती, तहसीना खातून, यशोदा देवी सहित दर्जनों आंगनबाड़ी सेविकाएं मौजूद थीं.
संबंधित खबर
और खबरें