झुमरीतिलैया. सावन की अंतिम सोमवारी पर निकलनेवाली कांवर पदयात्रा को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में है. हर वर्ष ध्वजाधारी धाम में कांवर पदयात्रा में शामिल श्रद्धालुओं के लिए महा भंडारा के आयोजन के लिए नंदी बाबा सेवा ट्रस्ट ने तैयारियां पूरी कर ली है. नंदी बाबा की स्मृति में गठित नंदी बाबा सेवा ट्रस्ट इस वर्ष अपने सेवा का 26 वर्ष पूर्ण कर रहा है. पांच अगस्त को सांस्कृतिक कार्यक्रम सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया है. आयोजन द विराज होटल में होगा. जानकारी के अनुसार नंदी महाराज, जिन्हें शिव के वाहन और प्रिय सेवक के रूप में पूजा जाता है, वर्ष 2000 तक शहर के सब्जी मंडी, खुदरा पट्टी, सोना पट्टी और दर्जी मुहल्ला की गलियों में स्वतंत्र रूप से विचरण करते थे. मुहल्ले के लोगों से उनका आत्मीय संबंध था. उन्हें हर दिन लोग सब्जी, फल या अन्य चीजें खिलाते थे. ट्रस्ट के उदय सिंह बताते हैं कि नंदी महाराज प्रतिदिन उनकी दुकान पर आते थे. उन्हें कच्ची सब्जी खिलायी जाती थी. कुछ समय बाद उनकी तबीयत बिगड़ गयी. मुहल्ले के लोगों ने इलाज भी कराया. लेकिन दो मई 2000 को नंदी का निधन हो गया. उसी दिन से उस स्थल का नाम नंदी बाबा चौक पड़ गया. यहीं से सेवा की शुरुआत हुई. उस वर्ष झरनाकुंड से गुजरते कांवरियों को चाय पिलाकर सेवा आरंभ की गयी थी. उसी समय नंदी बाबा सेवा ट्रस्ट की स्थापना भी हुई. इसमें उदय सिंह, संजय शर्मा, स्व चुत्री महाराज, स्व प्यारेलाल सोनकर, बसंत गुप्ता, दयानंद गुप्ता, भोला साव, सुनील कुमार सोनकर, कमल कुमार शर्मा, मदन साव, विशाल कुमार सिंह, दीपक महाराज, संजय दास सहित कई लोग जुड़े. 2001 में सदस्य ध्वजाधारी धाम पहुंचे, तो देखा कि वहां भक्तों के लिए न प्रसाद था न पानी. वहीं से विचार बना कि अगले वर्ष भंडारा लगाया जायेगा. इसके बाद 15 किलो आटे की पुरियों और सब्जी से भंडारे की शुरुआत हुई.
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