जयनगर. मॉनसून में अच्छी बारिश के बाद किसान अहले सुबह हल-बैल व बीज लेकर खेतों में निकल रहे हैं. किसानों के लिए यह माह मक्का, मडुआ, मंगूफली समेत धान की खेती के लिए उपयुक्त समय है. लगातार बारिश से ताल तलैयों के साथ चेकडैम व खेतों में भी पानी भर गया है. चरकी पहरी चेकडैम इतना भरा है कि पानी ओवर फ्लो हो रहा है. परसा टोला के किसान वासुदेव यादव के अनुसार वे लोग धान की रोपनी के लिए तैयार हैं. किसानों को परामर्श देते हुए कृषि विज्ञान केंद्र, जयनगर के एग्रोफोरेस्टी ऑफिसर रूपेश रंजन ने बताया कि इस मौसम में खेतों में मेडबंदी कर लें, ताकि जल संचय हो. समय पर खरीफ की बुआई शुरू कर दें. मॉनसून के समय अस्थिर होने से खरीफ में अनुमानित नुकसान के लिए अकस्मिक फसल योजना के तहत बीज का प्रबंध कर लें. श्री कुमार ने बताया कि फसल का नियमित अंतराल पर सिंचाई की आवश्यकता होती है. मिट्टी में नमी और पानी पास करने की क्षमता वृद्धि करने के लिए गोबर की सड़ी खाद डाले. बताया कि श्रीविधि की ओर से धान की बुआई व रोपाई बेहतर होती है. यह विधि न सिर्फ सिंचित अवस्था के लिए सफल सिद्ध हो रहा है, बल्कि वर्षाश्रित क्षेत्रों में भी किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है.
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