बारियातू. प्रखंड के बालूभांग पंचायत अंतर्गत इंदुआ गांव की रहनेवाली आदिम जनजाति समुदाय (परहिया) की मंजू देवी ने आंगनबाड़ी सहायिका चयन प्रक्रिया में पैसे लेकर हेराफेरी करने का आरोप पर्यवेक्षिका पर लगाया है. चयनित अभ्यर्थी मंजू देवी ने मामले को लेकर उपायुक्त को आवेदन सौंपा है. उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच कराते हुए दोषी पर्यवेक्षिका के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है. क्या है मामला : मंजू देवी के अनुसार इंदुआ गांव में सहायिका पद के लिए ग्रामसभा कर सर्वसम्मति से उनका चयन किया गया था. चयन के कुछ दिन बाद पर्यवेक्षिका ने उनसे एक लाख रुपये की मांग की थी. राशि देने में असमर्थता जताने पर चयन निरस्त कर दिया गया. वहीं बगैर चयन प्रक्रिया के ही पूनम कुमारी (पति-रितेश कुमार गंझू) को इस पद के लिए चयनित कर लिया गया. इंदुआ गांव के ग्रामीणों ने भी मामले में आक्रोश व्यक्त किया है. ग्रामीणों ने भी अवैध तरीके से हुए चयन को तत्काल रद्द करते हुए मंजु देवी को नियमानुसार बहाल करने की मांग की है. क्या कहते हैं पंसस : इस संबंध में पंचायत समिति सदस्य राजेश राम ने बताया कि आंगनबाड़ी सहायिका मंजू देवी का चयन प्रक्रिया के तहत हुआ है. ग्रामसभा में उनके अलावा ग्राम प्रधान, स्वास्थ्य सहिया, विद्यालय के एचएम, आंगनबाड़ी के प्रधान सहायक समेत कई ग्रामीण मौजूद थे. पर्यवेक्षिका ममता देवी भी उपस्थित थीं. उन्होंने ही मंजू देवी के चयन की घोषणा भी की थी. इसके बाद चयन कैसे बदल गया, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. क्या कहती हैं पर्यवेक्षिका : पर्यवेक्षिका ममता देवी से इस मामले पर कहा कि पारदर्शिता के साथ मंजू देवी का चयन हुआ था. मुखिया की अनुपस्थिति के कारण मुखिया का कॉलम पुरा नहीं हुआ था. इसके बाद जिला की ओर से चयन को रद्द कर पुनः ग्रामसभा करने का आदेश मिला. इसके बाद ग्रामसभा कर पूनम कुमारी का चयन किया गया है. मंजू देवी की ओर से पैसे मांगने का आरोप निराधार है.
संबंधित खबर
और खबरें