बेतला़ बरवाडीह से मंडल होते हुए भंडरिया तक सड़क निर्माण की स्वीकृति मिल गयी है, जिससे क्षेत्र के विकास की राह खुलने वाली है. यह सड़क पिछले 50 वर्षों से बदहाल थी. 1972-73 में एकीकृत बिहार के समय सिंचाई विभाग द्वारा बरवाडीह से मंडल तक सड़क का निर्माण कराया गया था, ताकि कुटकू स्थित उत्तर कोयल सिंचाई परियोजना (मंडल डैम) तक आवागमन सुलभ हो सके. इसी सड़क के सहारे मंडल डैम परियोजना का अधिकांश कार्य पूरा हुआ था. लेकिन 1997 में माओवादियों द्वारा इंजीनियर बैजनाथ मिश्रा की हत्या के बाद यह परियोजना और सड़क दोनों ठप हो गये. 2006-07 में सड़क चौड़ीकरण की योजना बनी. तत्कालीन मंत्री कमलेश सिंह और विधायक रामचंद्र सिंह ने इसका शिलान्यास किया. लेकिन काम शुरू होते ही नक्सलियों ने जेसीबी मशीन फूंक दी और दो मुंशी का अपहरण कर लिया. इससे सड़क निर्माण का कार्य फिर से बंद हो गया और मामला लंबे समय तक केंद्र और राज्य सरकार के बीच उलझा रहा. हाल ही में राज्य की मुख्य सचिव अलका तिवारी मंडल डैम पहुंचीं. वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस मार्ग से आवागमन किया. उन्होंने सड़क की बदहाली पर चिंता व्यक्त की और अविलंब निर्माण कार्य शुरू करने की सिफारिश की. क्या होगा फायदा : इस सड़क के बनने से मंडल डैम तक पहुंचना आसान होगा. पर्यटक आसानी से पहुंच सकेंगे. नववर्ष में जनवरी के दौरान आनेवाले पर्यटकों को भी सुविधा होगी. पलामू टाइगर रिजर्व के अधिकारी और नक्सल विरोधी अभियानों में लगी पुलिस की आवाजाही सुगम होगी. यह मार्ग झारखंड को छत्तीसगढ़ से भी जोड़ेगा. मंडल, भंडरिया, गोदरमाना के रास्ते रामानुजगंज, बलरामपुर, अंबिकापुर जैसे इलाकों तक जाना आसान हो जायेगा. साथ ही बढ़नियां, सैदुप, मोरवाई, ततहा और मंडल गांव के ग्रामीणों को बरवाडीह प्रखंड मुख्यालय तक आने-जाने में सहूलियत होगी. वर्षों पुरानी मांग पूरी होने जा रही है : विधायक रामचंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने इस सड़क के निर्माण को एक चुनौती के रूप में लिया था. इसके लिए वे लगातार प्रयास करते रहे और अब उन्हें खुशी है कि वर्षों पुरानी मांग पूरी होने जा रही है.
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