उपायुक्त से असंवैधानिक तरीके से बंदोबस्ती को रद्द करने की मांग

उपायुक्त से असंवैधानिक तरीके से बंदोबस्ती को रद्द करने की मांग

By SHAILESH AMBASHTHA | July 22, 2025 9:56 PM
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लातेहार ़ स्वशासी जिला परिषद के जिलाध्यक्ष आर्यन उरांव ने असंवैधानिक तरीके से बस पड़ाव, पशु मेला और बाजार की बंदोबस्ती कराने की बात कही है. उन्होंने उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता को इसकी जानकारी पत्र के माध्यम से दी है. उन्होंने बताया कि असंवैधानिक तरीके से बंदोबस्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया है जो गलत है. उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने 29 जुलाई 2024 को झारखंड पंचायती राज अधिनियम 2001 को गलत ठहराते हुए सूबे के अनुसूचित क्षेत्रों में जेपीआरए-2001 को समाप्त कर दिया है. उच्च न्यायालय ने सूबे की सरकार को संसदीय अधिनियम, द प्रोविजन ऑफ द पंचायत (एक्सटेंशन टू द शेड्यूल एरिया) एक्ट 1996 का नियमावली बनाकर दो माह के अंदर लागू करने का आदेश दिया था. परंतु समय समाप्ति की घोषणा हो जाने के बाद भी सरकार ने नियमावली नहीं बनायी है. उन्होंने कहा कि जिले में बस पड़ाव, बालू घाट और ग्राम बाजारों का पारंपरिक आदिवासी ग्राम सभा के द्वारा रसीद स्वशासी परिषद जारी करेगा जो आदिवासी मूलवासी को आर्थिक रूप से सशक्त करेगा. उन्होंने बंदोबस्त को रद्द करते हुए संसदीय अधिनियम पीपीइएसए 1996 का अनुपालन कराने की मांग उपायुक्त से की है. मौके पर परिषद के सचिव प्रेम गंझू समेत कई लोग उपस्थित थे. स्वशासी जिला परिषद के जिलाध्यक्ष आर्यन उरांव ने असंवैधानिक तरीके से बस पड़ाव, पशु मेला और बाजार की बंदोबस्ती कराने की बात कही है. उन्होंने उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता को इसकी जानकारी पत्र के माध्यम से दी है. उन्होंने बताया कि असंवैधानिक तरीके से बंदोबस्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया है जो गलत है. उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने 29 जुलाई 2024 को झारखंड पंचायती राज अधिनियम 2001 को गलत ठहराते हुए सूबे के अनुसूचित क्षेत्रों में जेपीआरए-2001 को समाप्त कर दिया है. उच्च न्यायालय ने सूबे की सरकार को संसदीय अधिनियम, द प्रोविजन ऑफ द पंचायत (एक्सटेंशन टू द शेड्यूल एरिया) एक्ट 1996 का नियमावली बनाकर दो माह के अंदर लागू करने का आदेश दिया था. परंतु समय समाप्ति की घोषणा हो जाने के बाद भी सरकार ने नियमावली नहीं बनायी है. उन्होंने कहा कि जिले में बस पड़ाव, बालू घाट और ग्राम बाजारों का पारंपरिक आदिवासी ग्राम सभा के द्वारा रसीद स्वशासी परिषद जारी करेगा जो आदिवासी मूलवासी को आर्थिक रूप से सशक्त करेगा. उन्होंने बंदोबस्त को रद्द करते हुए संसदीय अधिनियम पीपीइएसए 1996 का अनुपालन कराने की मांग उपायुक्त से की है. मौके पर परिषद के सचिव प्रेम गंझू समेत कई लोग उपस्थित थे.

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