चंदवा़ बात वर्ष 2005 की है. तक विधानसभा चुनाव की तैयारी चल रही थी. उस दौर में झारखंड मुक्ति मोरचा व कांग्रेस का गठबंधन था. लातेहार विधानसभा सीट से झामुमो के प्रत्याशी स्व रामदेव गंझू थे. तब झामुमो का जनाधार आज की तरह नहीं था. दिशोम गुरु स्व रामदेव गंझू के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित करने चंदवा आये थे. चंदवा का खेल स्टेडियम खचाखच भरा था. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सह वर्तमान जिला उपाध्यक्ष रामयश पाठक व प्रत्याशी रामदेव गंझू उस वक्त मंच पर शिबू सोरेन के साथ खड़े थे. इसे याद करते हुए वरिष्ठ कांग्रेसी रामयश पाठक ने बताया कि उस वक्त वे कांग्रेस के प्रखंड अध्यक्ष थे. जैसे ही खेल स्टेडियम में गुरुजी हेलीकाॅप्टर से पहुंचे, उन्हें देखने के लिये जनसैलाब उमड़ पड़ा था. शिबू सोरेन के साथ उनके बड़े बेटे स्व दुर्गा सोरेन भी थे. उस वक्त दुर्गा सोरेन दुमका के सांसद थे. उनके साथ जमुआ के पूर्व विधायक सूरज मंडल भी थे. दिशुम गुरु शिबू सोरेन ने यहां उरांव भाषा में लोगों से वोट की अपील की थी. उम्मीवार रामदेव गंझू को जीत दिलाने की अपील की थी. श्री पाठक ने बताया कि उस वक्त शिबू सोरेन ने मंच से यह एलान किया था कि अगर हमारी सरकार बनी तो चंदवा को अनुमंडल का दर्जा दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि रैली के बाद गुरुजी, उनके पुत्र स्व दुर्गा सोरेन, सूरज मंडल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता स्व प्रह्लाद प्रसाद उर्फ लादू बाबू, स्व बसीर खा, निर्मल भारती, स्व शिवब्रत दुबे, प्रदेश डेलीगेट लाल मनोज शाहदेव, गंदरू उरांव, श्रीराम शर्मा समेत अन्य लोगों ने साथ मिलकर स्थानीय पथ निर्माण विभाग के विश्रामागार परिसर में भोजन भी किया था. इसके बाद हेलीकाॅप्टर से प्रत्याशी स्व रामदेव गंझू को साथ लेकर बालूमाथ के लिए रवाना हुए थे. श्री पाठक ने कहा कि दिशोम गुरु ने झारखंड के निर्माण व नव निर्माण में अपना जीवन खपा दिया. उनका जाना पूरे देश के लिए बड़ी क्षति है.
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