वरीय संवाददाता, लातेहार
जिला समाहरणालय में शुक्रवार को उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता की अध्यक्षता में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम आइडीए-एमडीए 2025 के सफलता पूर्वक क्रियान्वयन को लेकर जिला समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गयी. मौके पर उपायुक्त ने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में जन सहभागिता जरूरी है. बैठक में स्टेट कंसल्टेंट विनय कुमार व पिरामल फाउंडेशन के अविनाश कात्यायन ने पीपीटी के माध्यम से बताया कि फाइलेरिया विलोपन लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जिला के सभी प्रखंडों के जनसमुदाय (0 से 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिला एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों) को छोड़कर डीइसी एल्बेंडाजॉल और आइमरमेक्टिन की एक खुराक 10 से 25 अगस्त तक खिलायी जायेगी. बैठक में जन जागरूकता अभियान और अन्य विभागों के सहयोग को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया गया. उपायुक्त ने सभी पदाधिकारी को फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के लिए जागरुकता अभियान में सहयोग करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कर फाइलेरिया से बचा जा सकता है. उन्होंने जिला वासियों से इस कार्यक्रम के दौरान फाइलेरिया विलोपन की दवा का सेवन करके स्वयं को फाइलेरिया से सुरक्षित एवं लातेहार जिला को फाइलेरिया मुक्त बनाने की अपील की. सिविल सर्जन ने बताया कि फाइलेरिया रोधी दवा डीइसी एवं अल्बेंडाजोल कृमि नाशक दवा कि एकल खुराक सार्वजनिक सेवन बिलकुल सुरक्षित है तथा इस रोग से ग्रसित व्यक्तियों के सुरक्षा के लिए उपयोगी है. अगर किसी व्यक्ति द्वारा दवा का सेवन के उपरांत उल्टी, जी मचलना, चक्कर या खुजली आदि के लक्षण दिखाई पड़े, तो यह संकेत प्रभावितों के लिए अच्छे है. क्योंकि इससे यह प्रतीत होता है कि उस व्यक्ति में फाइलेरिया रोग के लक्षण है, जिसे समय रहते दवा के माध्यम ठीक किया जा सकता है. मौके पर अपर समाहर्ता रामा रविदास व सिविल सर्जन डॉ राज मोहन खलको समेत कई अधिकारी उपस्थित थे.
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