चंदवा़ स्थानीय गायत्री शक्तिपीठ परिसर में शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बैनर तले गुरु पूर्णिमा उत्सव सह गुरु दक्षिणा कार्यक्रम आयोजित किया गया. सबसे पहले भगवा ध्वजरोहण कर लोगों ने ध्वज को प्रणाम किया. ध्वज को ही गुरु मानकर अपनी गुरु दक्षिणा अर्पित की. प्रांत से आये अधिकारी संजीत जी ने बौद्धिक में कहा कि भारतीय इतिहास गुरु-शिष्य संबंधों की मिसाल है. अनगिनत गाथाएं गुरु-शिष्य संबंध से जुड़े हैं. कहा कि शाश्वत सत्य, बलिदान व सदा विजयी भाव के प्रतीक के रूप में मातृभूमि के साथ प्रेमभाव हृदय में विराजमान रखने की प्रेरणा हमें हमारा परम पवित्र भगवा ध्वज देता है. इसे ही हमने गुरु के स्थान पर आरूढ़ किया है. संघ में यह कार्यक्रम प्रारंभिक काल से करने की परंपरा रही है. खंड चंदवा के राजेश चंद्र पांडेय ने कहा कि संघ में गुरु दक्षिणा उत्सव का खास महत्व है, क्योंकि यही वह उत्सव होता है जिसमें सही मायने में जीवन की दिशा तय करने वाले गुरु के प्रति आभार प्रकट किया जाता है. एकलव्य मिट्टी की प्रतिमा में ही अपने गुरु को ढूंढ़कर महान धनुर्धर बना. हेडगेवार जी का भी मानना था कि हम किसी व्यक्ति के विषय में यह विश्वास के साथ नहीं कह सकते कि वह सदैव अपने मार्ग पर अटल रहेगा. इसलिए भगवा ध्वज को गुरु का स्थान दिया गया है. संचालन रमेश प्रसाद कर रहे थे. मौके पर जिला प्रचारक सतीश जी, राजेश जी, महेंद्र अग्रवाल, सुबोध प्रसाद, राजेश मित्तल, ईश्वर चंद्र अग्रवाल, नरेश प्रसाद, कृष्ण कुमार पांडेय, श्यामकरण साहू, दिनेश प्रसाद साहू, धनेश जी, अरुण जी, गोपाल जायसवाल, मनीष कुमार चांदो, दीपक निषाद, राजेश जी, मोहनीश कुमार समेत अन्य स्वयंसेवक मौजूद थे.
संबंधित खबर
और खबरें