पाकुड़. चार दिवसीय चैती छठ महापर्व के तीसरे दिन गुरुवार को अस्ताचल गामी सूर्य को अर्घ्य दिया गया. व्रतियों ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया. बांस की टोकरी में टेकुआ, फल, मूली, चावल के लड्डू, गन्ना सहित अन्य सामान रखा. पानी में खड़े होकर विधिवत तरीके से सूर्य को अर्घ्य देने के साथ इस सूप में मौजूद सामग्री चढ़ाई. वहीं शुक्रवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा. अर्घ्य देने के साथ सूर्य उपासना का महापर्व चैती छठ का समापन होगा. छठ कर रही व्रतियों ने बताया कि यह व्रत परिवार की सुख समृद्धि शांति व संतान की लंबी आयु और जीवन की प्राप्ति के लिए की जाती है. यह व्रत जीवन में संयम, शुद्धता और आत्म नियंत्रण की भावना को जागृत करता है.
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