प्रतिनिधि, पाकुड़. पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक मंगलवार को पाकुड़ दौरे पर थे. इस दौरान स्थानीय रेलवे प्रशासन ने आनन-फानन में लिफ्ट और स्केलेटर चालू कर दिया, लेकिन उनके जाते ही ये सुविधाएं फिर से बंद हो गयी. रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधा के तहत लगाए गए लिफ्ट और स्केलेटर यात्रियों को राहत देने के बजाय परेशानी का सबब बनते जा रहे हैं. यात्रियों का कहना है कि जब स्टेशन पर किसी उच्च अधिकारी का दौरा होता है, तभी ये सुविधाएं चालू रहती है, अन्य दिनों में स्केलेटर और लिफ्ट बंद ही रहते हैं. बुधवार को भी ऐसा ही देखने को मिला. दो लिफ्ट में से एक चालू था तो वहीं स्केलेटर बंद पाया गया. गौरतलब है कि पाकुड़ स्टेशन पूर्व रेलवे के हावड़ा डिवीजन को करोड़ों रुपये का राजस्व देता है, बावजूद इसके यहां बुनियादी यात्री सुविधाओं का अभाव बना हुआ है. करोड़ों रुपये की लागत से बनाए गए स्वचालित सीढ़ी (स्केलेटर) और लिफ्ट अक्सर बंद मिलते हैं, जिससे यात्रियों को फुट ओवर ब्रिज के सहारे भारी बैग उठाकर आना-जाना पड़ता है. बुजुर्ग, बीमार, दिव्यांग यात्रियों के लिए यह स्थिति और भी कष्टकारी हो जाता है. कई बार ट्रेन छूटने के नौबत भी आ जाती है. इधर, पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक (जीएम) का पाकुड़ दौरा हुआ था, उस दौरान लिफ्ट और स्केलेटर चालू थे, लेकिन उनके जाते ही ये सुविधाएं फिर बंद हो गईं. स्टेशन प्रबंधक लखीराम हेंब्रम ने बताया कि वोल्टेज की समस्या के कारण संचालन में बाधा आ रही है. इस समस्या को जल्द ही दूर कर लिया जाएगा. रेलवे के बिजली विभाग से संपर्क कर समाधान की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं. इधर, स्थानीय लोगों का कहना है कि उच्च अधिकारी के आने से वोल्टेज की समस्या दूर हो जाती है वहीं जाते ही समस्या उत्पन्न होने लगती है.
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