पाकुड़. समाजसेवी लुत्फुल हक ने इस बार बकरीद का पर्व अनोखे ढंग से मनाया. उन्होंने स्टेशन परिसर में जरूरतमंदों को विशेष व्यंजन अपने हाथों से परोसे और उनके साथ बैठकर भोजन किया. यह दृश्य सामाजिक सौहार्द और मानवीयता का अनूठा उदाहरण बना. लुत्फुल हक पिछले दो वर्षों से स्टेशन परिसर में प्रतिदिन 200 से अधिक जरूरतमंदों को नि:शुल्क भोजन करा रहे हैं. उनका मानना है कि त्योहार किसी एक मजहब का नहीं, बल्कि पूरे समाज का होता है. खुद कभी भूखे पेट सोने वाले लुत्फुल हक आज सेवा को ही अपना सबसे बड़ा धर्म मानते हैं.
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