शहर में नो एंट्री के नियमों का नहीं हो रहा पालन, भारी वाहनों के प्रवेश से लोग परेशान

पाकुड़. जहां एक तरफ जिला प्रशासन यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने का दावा कर रहा है, वहीं दूसरी ओर शहर में नो एंट्री के नियमों का पालन होता नहीं दिख रहा है.

By RAGHAV MISHRA | June 2, 2025 6:29 PM
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पाकुड़. जहां एक तरफ जिला प्रशासन यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने का दावा कर रहा है, वहीं दूसरी ओर शहर में नो एंट्री के नियमों का पालन होता नहीं दिख रहा है. जिला प्रशासन के आदेश के बावजूद शहर के नो एंट्री एरिया में 16 चक्का ट्रक, हाइवा, ट्राॅली जैसे मालवाहक प्रवेश करते हैं. आलम यह है कि वाहनों की एंट्री से लोगों को सुबह के समय में पैदल चलना भी मुश्किल हो जा रहा है. यह सब कुछ देखकर भी यातायात के जिम्मेदार मौन बने हुए हैं. इनकी कार्यशैली देखकर लगता है कि लोगों को जाम से मुक्ति दिलाने में पुलिस की रुचि नहीं है. आए दिन नो एंट्री में भारी वाहन प्रवेश करते देखे जाते हैं. इस पर ना तो पुलिस रोक-टोक कर रही है और ना ही संबंधित विभाग के पदाधिकारी. नगर थाना के सामने से प्रत्येक दिन नियमों का उल्लंघन कर वाहनों का प्रवेश होता देखा जाता है, जबकि सड़क दुर्घटना में कमी लाने को लेकर परिवहन विभाग की ओर से सड़क सुरक्षा के नियमों को लेकर पाठ पढ़ाया जा रहा है. शहरवासियों का मानना है कि जिला प्रशासन के द्वारा बनाए गए नियमों का तो पालन नहीं हो रहा है, वही नियमों को लेकर सड़क सुरक्षा का पाठ पढ़ाया जा रहा है. यह कहां तक उचित है. बता दें कि शहर में लगने वाले जाम से निजात दिलाने और भारी वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से शहर में नो एंट्री लागू की गयी है. जानकारी के मुताबिक, शहर में सुबह के 7 बजे से लेकर 9 बजे व दोपहर 2 बजे से लेकर 4 बजे तक तथा शाम में 7 से लेकर 9 बजे तक भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित है, लेकिन सबसे बड़ी विडंबना यह है कि शहर में नो एंट्री का पालन नहीं हो रहा है. जिला प्रशासन द्वारा बनाए गए नो एंट्री के नियमों की धज्जियां उड़ायी जा रही है. शहर में इस दौरान भारी वाहनों का प्रवेश होता दिख रहा है. एक तो ऐसे ही शहर में जाम की समस्या से लोग परेशान हो रहे हैं. वहीं दूसरी ओर नो एंट्री में भारी वाहनों के प्रवेश से भी लोग परेशान हो रहे हैं. शहर में इस प्रकार के वाहनों का प्रवेश होने से यातायात व्यवस्था और बेकाबू होती जा रही है. ऐसे ही हालात प्रत्येक दिन मुख्य सड़क पर देखने को मिलते हैं. नो एंट्री में प्रवेश वाहन चालक काफी तेजी से भगाने का प्रयास करते हैं. इससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. वहीं शहर के लोगों का मानना है कि जिला प्रशासन का आदेश कागजी घोषणा रह गया है. यह दिखावे की नो एंट्री है. शहर में लगातार भारी वाहन प्रवेश कर रहे हैं.

वाहनों के तेज रफ्तार से रहता है दुर्घटनाओं का डर

नो इंट्री के बावजूद शहर के अंदर से ट्रकों और भारी वाहनों का आगमन हो रहा है. नो एंट्री के समय में प्रवेश वाहन काफी तेजी से चलाते हैं. चालक गाड़ी को भगाने का प्रयास करते हैं. ताकि किसी प्रकार की कोई कार्रवाई न हो. इस दौरान लोगों को जान का खतरा भी बना रहता है. कहीं यदि गाड़ी असंतुलित हो गयी तो न जाने कितने लोगों की जानें जायेंगी. इन वाहन चालकों को इसकी जानकारी होने के बाद भी नो एंट्री में घुस जाते हैं. और कार्रवाई से बचने के लिए जल्दी शहर से निकलने की कोशिश करते हैं. इसलिए तेज रफ्तार में गाड़ी का परिचालन करते हैं. इन तेज रफ्तार में दुर्घटनाओं का डर लोगों को सता रहा है.

कहते हैं यातायात पदाधिकारी

जितेंद्र प्रसाद, डीएसपी मुख्यालय

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