लिट्टीपाड़ा. अबुआ बीर, अबुआ दिशोम के तहत वन अधिकार अधिनियम 2006 के प्रावधानों को प्रभावी रूप से लागू करने और अधिक से अधिक योग्य लाभुकों को व्यक्तिगत एवं सामुदायिक वन पट्टा उपलब्ध कराने के लिए गुरुवार को प्रखंड कार्यालय में कार्यशाला का आयोजन किया गया. बीडीओ संजय कुमार ने बताया कि लिट्टीपाड़ा प्रखंड एवं अंचल क्षेत्र के ग्राम स्तर पर ग्राम सभा आयोजित कर अधिक से अधिक नये दावों का सृजन किया जाएगा. साथ ही पुराने लंबित दावों का त्रुटि निराकरण कराकर अनुमंडल स्तरीय वन अधिकार समिति को 21 मार्च से 29 मार्च के बीच अग्रेतर कार्रवाई के लिए उपलब्ध कराने को कहा गया है. उन्होंने बताया कि व्यक्तिगत दावों की जांच ग्रामस्तरीय वन अधिकार समिति द्वारा की जाएगी और इस प्रक्रिया में समिति की उपस्थिति अनिवार्य होगी. सत्यापित दावों का अनुमोदन ग्राम सभा द्वारा कराया जाएगा और इसकी जानकारी बैठक पंजी में नाम, रकबा, तिथि एवं हस्ताक्षर के साथ दर्ज की जाएगी. यदि किसी दावे को ग्राम सभा में ही अस्वीकृत किया जाता है, तो उसके कारण भी बैठक पंजी में दर्ज करने होंगे. कार्यशाला में प्रभारी प्रखंड कल्याण पदाधिकारी केसी दास और प्रभारी अंचल निरीक्षक अनिल पहाड़िया ने बताया कि वन अधिकार दावा पत्र प्राप्त करते समय भूमि का नक्शा एवं रकबा अंकित होना आवश्यक है. दावे की गयी भूमि की मात्रा मान्य सीमा के भीतर होनी चाहिए. इसके अतिरिक्त, पारंपरिक सामुदायिक वन अधिकारों के तहत निस्तार, चराई, गौण वन उपज, जल एवं मछली संसाधनों का उपयोग, जैव विविधता, देवस्थल, औषधीय जड़ी-बूटियां एवं अन्य पारंपरिक उपयोगों पर अधिकार होगा. विशेष पिछड़ी आदिम जनजातियों को पर्यावास अधिकार, घुमंतू एवं पशुपालकों को स्वतंत्र पारंपरिक अधिकार प्राप्त होंगे. बताया कि वन संसाधनों के सतत उपयोग, सुरक्षा एवं प्रबंधन की जिम्मेदारी भी वन अधिकार समिति की होगी. इसके तहत सामुदायिक वन संसाधनों को संरक्षित करने, पुनर्जीवित करने और सतत उपयोग हेतु प्रबंधन का कार्य किया जाएगा.
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